मध्य प्रदेश में अवैध रूप से संचालित बाल गृह से 26 लड़कियां लापता, केस दर्ज
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने भोपाल के बाहरी इलाके परवलिया इलाके में आंचल गर्ल्स हॉस्टल का औचक दौरा किया। कानूनगो ने शेल्टर होम के रजिस्टर की जांच की तो पता चला कि इसमें 68 लड़कियों की एंट्री थी, लेकिन उनमें से 26 गायब थी।
गायब हुई लड़कियों में गुजरात, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों की कम से कम 26 लड़कियां शामिल हैं जो भोपाल में अवैध रूप से संचालित आश्रय गृह में रह रहीं थी।
जब आश्रय गृह के निदेशक अनिल मैथ्यू से लापता लड़कियों के बारे में पूछताछ की गई, तो उन्होंने “संतोषजनक जवाब” नहीं दिया। मामले में पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज की गई है।
सभी लड़कियां गुजरात, झारखंड और राजस्थान की थीं, जबकि उनमें से कुछ मध्य प्रदेश के सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा और बालाघाट की थीं। एफआईआर के मुताबिक, बाल गृह में कई अनियमितताएं पाई गई हैं, जो अवैध रूप से भी चलाया जा रहा था।
कल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के तारासेवनिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बाल गृह का निरीक्षण किया।
यहाँ की संचालक NGO हाल तक सरकारी एजेन्सी की तरह चाइल्ड लाइन पार्ट्नर के रूप में कार्यरत रही है,एवं इसने सरकारी… pic.twitter.com/yVlWt04c90— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) January 5, 2024
कानूनगो ने एक ट्वीट में कहा कि एक मिशनरी, जो बाल गृह का प्रबंधन कर रही थी, ने कुछ बच्चों को सड़कों से बचाया था और वह बिना किसी लाइसेंस के आश्रय गृह चला रही थी। एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि बचाए गए लोगों को गुप्त रूप से बाल गृह में रखा गया था और उन्हें ईसाई धर्म का अभ्यास कराया गया था।
कानूनगो ने कहा, “6 से 18 साल की उम्र की ज्यादातर लड़कियां हिंदू हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।”
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ऐसे एनजीओ से अनुबंध पर चाइल्ड हेल्पलाइन चलाना चाहते हैं।”
गायब हुई सभी बच्चियां बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना रह रही थीं। हालांकि, बाल गृह के अधिकारियों ने दावा किया कि बच्चों को बचा लिया गया और बाद में बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया।
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि बाल गृह में विभिन्न धर्मों की लड़कियां थीं, लेकिन अधिकारियों ने कहा, उन्हें केवल एक धर्म (ईसाई धर्म) की पूजा करने के लिए मजबूर किया गया था।
गौरतलब है कि बाल गृह में कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। रात में दो महिला सुरक्षाकर्मियों के अलावा दो पुरुष गार्ड रहते हैं, जो नियमों का उल्लंघन है। बालिका आश्रय गृह में केवल महिला गार्ड का होना अनिवार्य है।
घटना की सूचना राज्य के मुख्य सचिव को भेज दी गयी है।
घटना पर शिवराज सिंह चौहान की प्रतिक्रिया
घटना पर ध्यान देते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने सरकार से मामले को देखने और तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है।
मामले की गंभीरता तथा संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने एवं त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 6, 2024
उन्होंने एक्स पर लिखा, “मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए, मैं सरकार से इस पर ध्यान देने और तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।”