डोडा में सेना के अधिकारी समेत 4 सैनिक आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद, हमले के पीछे जैश से जुड़ा संगठन

4 soldiers including an army officer martyred in an encounter with terrorists in Doda, organization linked to Jaish was behind the attack
(File Photo/Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत चार सैन्यकर्मी और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक छद्म समूह ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने ली है।

यह मुठभेड़ उस समय हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के जवानों ने सोमवार देर शाम डोडा शहर से करीब 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।

अधिकारियों ने बताया कि कुछ देर तक गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने का प्रयास किया, लेकिन एक अधिकारी के नेतृत्व में जवानों ने चुनौतीपूर्ण इलाके और घने जंगल के बावजूद उनका पीछा किया, जिसके बाद रात करीब 9 बजे जंगल में फिर से गोलीबारी हुई।

अधिकारियों ने पुष्टि की कि मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए और उनमें से चार, जिनमें एक अधिकारी भी शामिल था, ने बाद में दम तोड़ दिया।

आतंकी समूह ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने एक बयान में कहा कि मुठभेड़ और गोलीबारी तब हुई जब सुरक्षा बल “मुजाहिदीन” की तलाश में तलाशी अभियान चला रहे थे। ‘कश्मीर टाइगर्स’ वही समूह है जिसने 9 जुलाई को कठुआ में सेना के काफिले पर हमले की जिम्मेदारी ली थी।

डोडा मुठभेड़

अधिकारियों ने कहा कि देसा वन क्षेत्र में शाम करीब 7.45 बजे घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किए जाने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई। शुरू में 20 मिनट से अधिक समय तक चली गोलीबारी के दौरान सुरक्षाकर्मियों को चोटें आईं। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया और उनकी हालत “गंभीर” बताई गई है। उन्होंने कहा कि इलाके में दो से तीन आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका के चलते अभियान जारी है।

सेना की 16वीं कोर, जिसे व्हाइट नाइट कोर के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार रात करीब 9 बजे आतंकवादियों से संपर्क स्थापित हुआ, जब भारी गोलीबारी हुई। व्हाइट नाइट कोर ने ट्वीट किया, “शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि हमारे बहादुर जवान घायल हुए हैं।”

अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया गया था। व्हाइट नाइट कोर ने कहा, “क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों को भेजा गया है। ऑपरेशन जारी है।”

पिछले कुछ हफ्तों में जम्मू क्षेत्र में कई जगहों पर हुए आतंकी हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। भारतीय सेना ने 14 जुलाई को कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया और तीन आतंकवादियों को मार गिराया।

8 जुलाई को कठुआ जिले में एक ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी सड़क पर सेना के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में एक जूनियर कमीशन अधिकारी सहित पांच सैन्यकर्मी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

6 जुलाई को कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों ने दो मुठभेड़ों में छह आतंकवादियों को मार गिराया था। अलग-अलग मुठभेड़ों के दौरान दो सैनिकों की जान चली गई। हाल ही में, डोडा में 26 जून को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। यह मुठभेड़ तब हुई जब सेना ने चार आतंकवादियों के ठिकाने को घेर लिया, जिनमें से तीन मारे गए।

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