क्या मनोज तिवारी को लॉकडाउन का उल्लंघन करना पड़ेगा भारी?
अभिषेक मल्लिक
नई दिल्ली: लॉकडाउन 4 में भले ही पहले से अधिक छूट मिली है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कोरोना के मामले आने बंद हो गए हैं। लॉकडाउन 4 में बढ़ रहे कोरोना के आंकड़े सच में डरा रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच लगभग सब कुछ बंद है और जो कुछ खुला भी है तो वो कुछ नियम एवं शर्तों के साथ। लेकिन इसी लॉकडाउन में आज की एक तस्वीर बहुत कुछ कहती है कि क्या ये लॉकडाउन के नियम, कायदे-कानून सिर्फ गरीबों और मजदूरों के लिए ही है।
क्या किसी नेता या बड़े अधिकारी के लिए कानून के हाथ छोटे हो जाते हैं। ऐसा मैं इसीलिए कह रहा हूं की क्योकि बीजेपी के सांसद और दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी अपने पुराने शौक क्रिकेट खेलने रविवार को यूनिक स्टेडियम शेखपुरा, सोनीपत पहुंचे थे, जिसकी तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और ये मामला अब तूल पकड़ने लगा है।
दरअसल पूरा मामला यूनिक स्टेडियम शेखपुरा का है जहां मनोज तिवारी और उनके कुछ लोग क्रिकेट खेलने पहुंचे थे। इसके बाद मनोज तिवारी के ऊपर सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ने का आरोप लगा और देखे ही देखते इस मामले में जाँच का आदेश देना पड़ा। इस बाबत गन्नौर के ऑपरेशन सेक्शन चीफ कमांडर ने स्टेडियम के एमडी से नोटिस भेजकर इस मामले की पूरी जानकारी देने को कहा है। नोटिस में पूछा गया है की लॉकडाउन में किस अधिकारी ने क्रिकेट खेलने इजाज़त दी थी? क्रिकेट खेलने से पहले क्या स्टेडियम को सैनिटाइज करवाया गया था? क्या सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया था? खिलाड़ियों के चेहरे पर मास्क क्यों नहीं नजर आ रहे? ऐसे कई और सवाल हैं जो नोटिस में पूछा गया है।
इस मामले में दिलचस्पस बात यह है की इस नोटिस का जवाब स्टेडियम के एमडी सनथ जैन को 24 घंटे के अंदर देना होगा। हालाँकि एसडीएम ने निर्देश जारी करते हुआ कहा की यदि स्टेडियम के एमडी पुख्ता प्रमाण नहीं दे पाए तो मैच में शामिल सभी लोगो के खिलाफ लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
अब बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या आप अगर सांसद , नेता या अधिकारी है तो आपके लिए लॉकडाउन नियम तोड़ना भी कोई बड़ी बात नहीं है। खैर एसडीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं अब उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष होगी और करवाई भी धारा 188 के तहत ही की जाएगी।