जातीय जनगणना पर पीएम मोदी से मीटिंग के बाद बोले नीतीश कुमार, उम्मीद है पीएम हमारी बात पर गौर करेंगे

चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जातीय जनगणना पर बैठक हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार के 10 दलों के 11 नेताओं ने मोदी से मुलाकात कर बिहार में जातीय आधार पर जनगणना कराये जाने को लेकर अपनी बातों को रखा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री के समक्ष सभी दलों के नेताओं से इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। और उन्होंने इस मुद्दे पर सारी बिंदुओं को ध्यान से सुना है। अब आगे वो इसपर क्या फैसला लेते हैं इसका इंतजार रहेगा। अभी उन्होंने इसे नकारा नहीं है। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि ये मीटिंग बेहद जरुरी थी। हमने गंभीरता से प्रधानमंत्री जी को सभी बातों से अवगत कराया है। उम्मीद है कि वो इसके पक्ष में फैसला लेंगे।
नीतीश कुमार ने कहा, “सभी लोगों ने एक साथ जातीय गनगणना की मांग की। पीएम मोदी ने हम सभी की बात ध्यान से सुनी। हमने पीएम से इस पर उचित निर्णय लेने का आग्रह किया। हमने उन्हें बताया कि कैसे जाति जनगणना पर राज्य विधानसभा में दो बार प्रस्ताव पारित किया गया है। पीएम मोदी ने हमारी बात खारिज नहीं की। उम्मीद है कि पीएम हमारी बात पर गौर करेंगे।”
बैठक में शामिल होने से पहले बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार विधानसभा में दो बार जातीय जनगणना का प्रस्ताव पारित हुआ और आख़िरी जातीय जनगणना 1931 में हुई है। इससे पहले 10-10 साल में जातीय जनगणना होती रही। जनगणना से सही आंकड़े सामने आएंगे जिससे हम लोगों के लिए बजट में योजना बना सकते हैं।
उन्होंने कहा, “जातीय जनगणना से देश को फायदा होगा। मंडल कमीशन से पहले पता ही नहीं था कि देश में कितनी जातियां हैं। मंडल कमीशन के बाद पता चला कि देश में हजारों जातियां हैं। ये डेलिगेशन जो मिला है, ये सिर्फ बिहार के लिए नहीं है पूरे देश के लिए है। देशहित के मुद्दों पर हम विपक्ष के तौर पर हमेशा सरकार का समर्थन करते आए हैं।”
वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री से कहा कि हर हालत में जातिगत जनगणना कराएं, ये ऐतिहासिक निर्णय होगा।”