पहले यूपी में भ्रष्टाचार की सायकिल 24 घंटे चलती रहती थी: प्रधानमंत्री मोदी
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं जहाँ उन्होंने सिद्धार्थनगर में 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया है। इस उद्घाटन के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्वर्ती सरकारों पर जमकर निशाना साधा और साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर पीठ थपथपाई। प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों के भ्रष्टाचारों की चर्चा करते हुए सपा पर इशारों-इशारों में हमला किया।
उन्होंने कहा कि, “पहले भ्रष्टाचार की साइकिल चौबीस घंटे चलती रहती थी। पहले की सरकार ने हमारा साथ नहीं दिया। विकास के कार्यों में वह राजनीति ले आती है।
उन्होंने कहा कि 7 साल पहले जो दिल्ली में सरकार थी और 4 साल पहले जो यहां यूपी में सरकार थी, वो पूर्वांचल में क्या करते थे? जो पहले सरकार में थे, वो वोट के लिए कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाते थे।
मोदी ने कहा कि सालों-साल तक या तो बिल्डिंग ही नहीं बनती थी, बिल्डिंग होती थी तो मशीनें नहीं होती थीं, दोनों हो गईं तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपए लूटने वाली भ्रष्टाचार की साइकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी।
पीएम मोदी ने कहा कि क्या कभी किसी को याद पड़ता है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ हो? बताइए, क्या कभी ऐसा हुआ है? पहले ऐसा क्यों नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है, इसका एक ही कारण है- राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता।
सीएम योगी की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन पूर्वांचल के लिए, पूरे उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है, आपके लिए एक उपहार लेकर आया है। केंद्र और यूपी में जो सरकार है, वो अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है। जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी। जिस पूर्वांचल को दिमागी बुखार से हुई दुखद मौतों की वजह से बदनाम कर दिया गया था। वही पूर्वांचल, वही उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।
पीएम मोदी ने सिद्धार्थनगर में बने मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ वहीं से एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर के मेडिकल कॉलेजों का भी डिजिटल माध्यम से लोकार्पण किया। इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कुल 2,329 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इनमें से आठ मेडिकल कॉलेज केंद्र प्रायोजित योजना के तहत स्वीकृत किए गए हैं, जबकि जौनपुर में मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से तैयार कराया है।