भारत चीन सीमा पर गतिरोध दूर करने के लिए सैन्य अधिकारीयों के बीच हो सकती है और भी बातचीत
न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली: भारत और चीन की सैन्य अधिकारीयों के बीच हुई बैठक में सीमा पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए आगे और भी मीटिंग की जरुरत हो सकती है, हालांकि दोनों देशों के अधिकारीयों ने सीमा विवाद को शांतिपूर्ण संवाद के माध्यम से समाप्त करने का संकेत दिया है।हालांकि भारत या चीन की तरफ से इस बैठक के बारे में कोई अधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों की माने तो भारत ने साफ़ कर दिया है कि वो सीमा पर किसी तरह का अतिक्रमण को नज़रन्दाज नहीं करेगा। साथ ही चीन के अधिकारीयों को कहा है कि सीमा पर जो स्थिति अप्रैल महीने में थी वो उसको बरक़रार रखने के पक्ष में हैं।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर कर रहे थे।
सुबह 11.30 बजे से शाम तक चली मैराथन मीटिंग में भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने अपने चीनी समकक्ष से कहा कि चीन को स्टेट्स-कयो यानि अप्रैल महीने की शुरूआत वाली स्थिति पर लौटना पड़ेगा। साथ ही भारत सीमावर्ती इलाकों में सड़क और दूसरा निमार्ण-कार्य नहीं रोकेगा, जिसके लिए चीन की तरफ से मांग रखी गई थी। भारत ने दो टूक कहा कि जो भी निमार्ण-कार्य किया गया है या किया जा रहा है वो भारत के अधिकार-क्षेत्र में है, किसी विवादित इलाके में नहीं है।
भारतीय समय के अनुसार 11 .30 बजे शुरू हुई यह मीटिंग एलएसी पर चीन की तरफ मोलडो में बनी बॉर्डर पर्सनैल मीटिंग (बीपीएम) हट में हुई, जो भारत की चुशूल स्थित बीपीएम हट से सटी हुई है। पैंगोंग त्सो लेक से मोलडो की दूरी करीब 18 किलोमीटर है। सूत्रों की मानें तो विवाद पूरी तरह से सुलझाने के लिए अभी सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई और मीटिंग हो सकती हैं।
बता दें कि मौजूदा गतिरोध के शुरू होने की मुख्य वजह पैंगोंग झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण कराया जाना है। इस सडक निर्माण का चीन तीखा विरोध कर रहा है। चीन का कहना है कि फिंगर 4 से 8 तक का क्षेत्र उसका है, जबकि भारत फिंगर ४ से 8 तक के क्षत्र में अब तक पेट्रोलिंग करते आया है। भारतीय सैनिक को गश्त में होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखकर भारत एक सडक का निर्माण इस इलाके में कर रहा है जो चीन को पसंद नहीं है। इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर चीन के विरोध को लेकर भी गतिरोध है। इस क्षेत्र में चीनी सैनिक भारतियों से बिना वजह उलझते रहते हैं। कुछ दिनों पूर्व पूर्वी लद्दाख में ऐसे ही एक झड़प हुई थी जिसमे दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आई थी।