कुछ ऐसा दिखेगा 21 जून को ग्रहण के दौरान सूर्य का नजारा
शास्त्री सौरभ
नई दिल्ली। 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण साल 2020 में भारत में दिखने वाला एक मात्र सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले भारत में 26 दिसंबर को भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था। 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 13 मिनट से आरंभ हो जाएगा जो दोपहर 1 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। 12 बजकर 10 मिनट पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव चरम में होगा।
कुछ ऐसा दिखेगा ग्रहण के दौरान सूर्य का नजारा
21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य एक चमकते हुए कंगन की भांति दिखाई देगा। इसलिए इस सूर्य ग्रहण को कंकण सूर्य ग्रहण कहा जाएगा। ग्रहण के दौरान जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाएगा तब चंद्रमा सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाएगी ऐसे में सूर्य सोने की अंगूठी की तरह दिखाई देगा। यह ग्रहण वलयाकार होगा जिमसें चांद सूरज को पूरी तरह से ढ़क नहीं पाएगा अगर चांद सूरज को पूरी तरह से ढ़क लेता तो यह पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता। इस वलयाकार सूर्य ग्रहण में चांद 30 सेकंड के लिए ही सूर्य को ढ़क पाएगा।
ग्रहण से पहले शुरू हो जाएगा सूतक काल
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक प्रभावी हो जाता है। ऐसे में 21 जून से पहले 20 जून की रात के 10 बजकर 13 मिनट से सूतक शुरू हो जाएगा और ग्रहण की सामाप्ति पर खत्म होगा। सूर्य ग्रहण में सूतक ग्रहण के स्पर्श होने से ठीक 12 घंटे पहले से प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में देश में ग्रहण का स्पर्श का समय अलग-अलग होने से सूतक का समय भी अलग-अलग होगा।
ग्रहण पर ये सावधानियां बरतनी जरूरी
शास्त्रों में ग्रहण के समय कई तरह की सावधानियां बरतने के बारे में कहा गया है।
– ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करना वर्जित माना गया है ऐसे में ग्रहण के दौरान और ग्रहण के खत्म होने तक भगवान की मूर्ति नहीं छूना चाहिए। मंदिरों के कपाट बंद कर देना चाहिए।
– गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए ऐसे में इस दौरान ना तो ग्रहण देखना चाहिए और ना ही घर के बाहर निकलना चाहिए।
– सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। सूतक लगने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
ग्रहण का फल
मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों पर ग्रहण अशुभ प्रभाव नहीं रहेगा। जबकि वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को सावधान रहना होगा। इसमें वृश्चिक राशि वालों को विशेष ध्यान रखना होगा। कंकण आकृति ग्रहण होने के साथ ही यह ग्रहण रविवार को होने से और भी प्रभावी हो गया है। इस सूर्य ग्रहण के दौरान स्नान, दान और मंत्र जाप करना विशेष फलदायी रहेगा।
सूर्य ग्रहण के अशुभ असर से बचने के लिए प्रभावित राशि वाले लोगों को ग्रहण काल के दौरान महामृत्युंजय मंत्र के जप करना चाहिए या सुन भी सकते हैं। इसके अलावा अनाज दान करें। ग्रहण से पहले तोड़कर रखा हुआ तुलसी पत्र ग्रहण काल के दौरान खाने से अशुभ असर नहीं होता।
जरूर करें ये कार्य
– 21 जून को होने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से संबंधित मंत्रों का जाप करें।
1. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
2. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकररू।
3. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
4. ऊं घृणिं सूर्य्यरू आदित्यरू।
5. आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें या सुने .
– ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल डालकर शुद्धि करें।
– मान्यता है कि ग्रहण खत्म होने पर मंदिर में पूजा कर दान अवश्य करना चाहिए और गाय को रोटी खिलाने से अच्छा फल प्राप्त होता है।
(लेखक पंडित शास्त्री सौरभ गीता भवन, बंगाली मार्केट, नई दिल्ली से जुडे हैं।)