कुनलावुत वितिदसर्न, एन से यंग ने जीता इंडिया ओपन बैडमिंटन का खिताब
चिरौरी न्यूज़
वितिदसर्न ने पुरुषों का एकल खिताब जीतने के लिए विक्टर एक्सेलसेन के विजय रथ को रोका
यंग ने अकाने यामागुची को एक घंटे से अधिक समय तक चले फाइनल मैच में हराया
नई दिल्ली: थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसर्न और दक्षिण कोरिया के एन से यंग ने अपने अधिक ख्यातिनाम विरोधियों को हराकर योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन 2023 का क्रमशः पुरुष एवं महिला खिताब जीत लिया। यह एचएसबीसी-बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर सुपर 750 इवेंट भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) द्वारा इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव हाल में 17 से 22 जनवरी तक आयोजित किया गया।
रविवार से पहले शीर्ष वरीयता प्राप्त विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ सभी छह पुरुष एकल मैच हारने वाले वितिदसर्न ने इस निर्णायक मुकाबले में लंबे कद के डेन को लंबी रैलियों में उलझाया एक घंटे चार मिनट के भीतर 22-20, 10-21, 21-12 से हरा दिया। महिल एकल फाइनल में जापान की यंग ने अकाने यामागुची को सिर्फ एक घंटे में 15-21, 21-16, 21-12 से मात दी।
थाई शटलर एक्सेलसेन के खिलाफ फाइनल में अंडरडॉग की तरह खेले। विक्टर इससे पहले आखिरी बार मई 2021 में फाइनल में हारे थे। उसके बाद से वह 13 बार अविजित रहे। वितिदसर्न ने हालांकि उन्हें रैलियों में उलझाकर रखा और इस कारण मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन एक्सेलसेन रैलियों की गति को नियंत्रित करने के अपने गेम प्लान पर टिके रहने के कारण वह थोड़ा नर्वस दिखे।
अपने गेम प्लान ने वितिदसर्न को पहले गेम में 16-13 की बढ़त बनाने की आजादी दी। एक्सेलसन ने हालांकि बढ़त लेने के लिए पांच सीधे अंक हासिल किए और जल्द ही एक गेम प्वाइंट अर्जित किया। लेकिन एक भाग्यशाली नेट कॉर्ड ने पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन को बराबरी पर ला दिया। और फिर उन्होंने लगातार दो अंक हासिल कर डेन के खिलाफ 13 मैच के बाद अपना पहला गेम जीता।
दूसरे गेम में एक्सलसन ने दहाड़ते हुए वापसी की। लेकिन वितिदसर्न खुद को फिर से संगठित करने और लंबी रैलियों में अपने प्रतिद्वंद्वी को उलझाने में कामयाब रहे। शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पष्ट रूप से मैच के अंतिम पलों में अपने प्रतिद्वंद्वी से अधिक थका हुए दिख रहे थे। थकान ने ही विक्टर को गलती करने पर मजबूर किया और इस तरह थाई खिलाड़ी ने अपना पहला सुपर 750 का ताज हासिल कर लिया।
वितिदसर्न ने कहा, “ विक्टर के खिलाफ मेरी पिछली हार से मैंने सीखा था कि अगर मैं उन्हें लंबी रैलियों में उलझा कर सकता हूं और मैच को निर्णायक अंत तक ले जा सकता हूं। मेरी समझ में आया था कि मेरे पास ऐसा करके ही जीतने का मौका होगा। मैं आज ऐसा करने में कामयाब रहा और दूसरा गेम हारने के बाद भी मुझे विश्वास था कि मैं जीत सकता हूं।”
इससे पहले, यंग ने अपने पहले योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन में एक और बेहतरीन प्रदर्शन के साथ यामागुची के खिलाफ पिछले हफ्ते मलेशियाई ओपन के फाइनल में मिली हार का बदला लिया।
शुरुआती गेम में यामागुची का पूरा नियंत्रण था लेकिन यंग ने दूसरे गेम में पासा पलटने में कामयाबी हासिल की और निर्णायक गेम में जीत हासिल की। तीसरे और अंतिम गेम के शुरुआती पलों में जापानी खिलाड़ी का पलड़ा भारी रहा लेकन यंग इससे विचलित नहीं हुईं और गेम जीतने में सफल रहीं।
इसके बाद दोनों खिलाड़ियों ने 30 से अधिक स्ट्रोक वाली कई रैलियां की और एक 51-स्ट्रोक की रैली भी की। हालांकि यंग ने उन्हें खो दिया। यामागुची हालांकि उसके बाद अधिक थकी हुई दिख रही थी और कोरियाई के बेहतर स्ट्रोक प्ले ने उन्हें खिताब दिलाने में मदद की।
दिन के दूसरे फाइनल मैच में चीनी पुरुष युगल चैंपियन लियांग वेई केंग और वांग चांग ने विश्व चैंपियन आरोन चिया और मलेशिया के सो वूई यिक को 14-21, 21-19, 21-18 से हराया। युता वतनबे और अरिसा हिगाशिनो की जापानी मिश्रित युगल जोड़ी और नामी मात्सुयामा और चिहारू शिदा की महिला युगल जोड़ी ने बिना शटल हिट किए खिताब अपने नाम कर लिया क्योंकि उनके विरोधियों ने बीमारी का हवाला देकर नाम वापस ले लिया था।
परिणाम:
पुरुष एकल: 8-कुनलावुत वितिदसर्न (थाईलैंड) ने 1-विक्टर एक्सेलसेन (डेनमार्क) को 22-20, 10-21, 21-12 से हराया।
महिला एकल: 2-एन से यंग (कोरिया) ने 1-अकाने यामागुची (जापान) को 15-21, 21-16, 21-12 से हराया
पुरुष युगल: लियांग वेई केंग/वांग चांग (चीन) ने 3-आरोन चिया/सोह वूई यिक (मलेशिया) को 14-21, 21-19, 21-18 से हराया।