घर जाने के जुनून ने बना दिया व्यापारी, प्याज़ का ट्रक लेकर पहुंचा घर
अंकित कुमार
नई दिल्ली: भारत के लोग किसी नामुमकिन को भी मुमकिन करने के लिए कोई ना कोई नायब तरीका निकालकर उसे पूरा करने में माहिर हैं जिसे भारत की भाषा में कहते है जुगाड़ करना। ऐसा ही कुछ घटित हुआ यूपी के प्रयागराज में। मुंबई से प्रयागराज की दूरी लगभग 1,390 किलोमीटर है और यह दूरी गाड़ी से तय करने में लगभग 24 घंटे यानि पूरा एक दिन का समय लगता है। लेकिन लॉकडाउन के दौरान जब न कोई गाड़ी है, न कोई रेल और न ही हवाई सेवा, ऐसे में दूसरे राज्यों में फंसे लोग घर जाने के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। ऐसा ही एक नायाब तरीका प्रेम मूर्ति पांडे ने निकाला, जिसने सबसे पहले 25 टन प्याज खरीदी और फिर उसने प्याज को एक ट्रक में भरा और व्यापारी बन मुंबई से प्रयागराज पहुंच गया।
यह सब उसने केवल इसलिए किया क्योंकि वह मुंबई से वापस प्रयागराज अपने घर जाने के लिए काफी परेशान था। प्रेम मूर्ति पांडे मुंबई एयरपोर्ट पर काम करते हैं, और प्रयागराज स्थित अपने पैतृक गांव जाना चाहते थे, जोकि लॉकडाउन के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था। पीटीआई से बातचीत में प्रेम मूर्ति ने बताया कि वो अंधेरी ईस्ट के इलाके अजाद नगर में जहां रहते हैं, वह बहुत ही घनी आबादी वाला एरिया है और वहां कोरोनावायरस फैलने का बहुत बड़ा रिस्क है।
प्रयागराज के थाना धूमनगंज से महज 3 किलोमीटर दूर मुबारकपुर कोटवा के रहने वाले प्रेम मूर्ती पांडे ने 25 टन प्याज खरीदी, जिसकी कीमत लगभग 3 लाख 50 हजार के करीब बताई जा रही है। इसके बाद वह व्यापारी बनकर मुंबई से 17 अप्रैल को ट्रक के जरिये सीधे प्रयागराज के नवींन मंडी मुंडेरा जा पहुंचे। मंडी में अच्छे दाम न मिलने से और लगभग 35 हजार कम मिलने से वो सीधे अपने गांव कोटवा प्याज लेकर चले गए। प्रेम मूर्ति के घर आने पर गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है, लेकिन गांव के लोग प्रशासन को सूचना भी नहीं दे रहें हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ प्रेम मूर्ति का कहना है कि घर पर बूढ़े मां-बाप हैं, उनकी सेवा करने के लिए कोई नहीं है, इसीलिए उन्होंने यह रास्ता अपनाया। सबसे पहले प्रेम मूर्ति ने मुंबई में भारी मात्रा में तरबूज खरीद के वहां बेचा ताकि लोगों को शक ना हो कि वो व्यापारी नहीं है। इसके बाद वो प्याज लादकर सीधे प्रयागराज पहुंच गए।
प्रेम मूर्ति ने बताया कि मैंने मुंबई से यहां आने की सूचना धूमनगंज थाना में पुलिस को दे दी है। मेडिकल जांच के बाद मुझे क्वारंटाइन में रहने को कहा गया है।