डॉक्टर बीरबल झा ने बड़गद के पेड़ के नीचे बच्चों को सिखाई अंग्रेजी

Doctor Birbal Jha taught English to children under a banyan tree, became an inspiration for the villagersचिरौरी न्यूज

मधुबनी: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त शिक्षक को शायद ही आपने अपने जीवनकाल में कभी बड़गद के पेड़ के नीचे छोटे-छोटे नौनिहालों को पढ़ाते देखा होगा। परंतु, ग्रामीणों के अचरज भरी निगाहों के बीच ऐसा करिश्मा हुआ मधुबनी जिले के क्वारपट्टी गाँव में जहाँ बगल के ही गाँव में जन्मे, पले-बढ़े, मिथिला के यंगेस्ट लिविंग लिजेंड, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एवं न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा प्रशंसित, कई पुस्तकों के लेखक, अंतरराष्ट्रीय स्तर के अंग्रेजी के विद्वान डॉक्टर बीरबल झा को लोगों ने बड़गद के पेड़ के नीचे बच्चों से रू-ब-रू होते देखा।

बीच गाँव में बड़गद के पेड़ के नीचे चल रहे अपने क्लास में इस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय ट्रेनर को पाकर बच्चे खुशी से झूम उठे। ज्ञातव्य है कि डॉक्टर बीरबल झा ‘इंग्लिश फॉर आल’ कैंपेन में ५ दिवसीय मिथिला दौरे पर थे। अपने पांच दिवसीय कार्यक्रम में उन्होंने मिथिला के कई गावों का दौरा किया और छात्रों को उनके बौद्धिक विकास के गुर सिखाए। यहाँ पर यह जानना दिलचस्प है कि स्वयं बीरबल झा ने भी कभी बरगद के पेड़ के नीचे पढाई की थी।

अखिल भारतीय कैवर्त कल्याण समिति के बैनर तले इसके अध्यक्ष देव कांत कामति के संयोजकत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉक्टर बीरबल झा ने बच्चों को वाक्य विन्यास और अंग्रेजी शब्दों के सही उच्चारण की नि:शुल्क ट्रेनिंग दी। कक्षा में शामिल बच्चों की मुस्कुराहट से कोई भी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की सफलता का आकलन कर सकता है।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री देवकांत कामति ने कहा कि हम ग्रामीणों के लिए आज का दिन गौरवशाली है जब विश्वप्रसिद्ध शिक्षक हमारे गाँव आकर हमारे बच्चों को नि:शुल्क अंग्रेजी सिखा रहे हैं। उनहोंने उपस्थित बच्चों को डॉक्टर बीरबल झा की अंग्रेजी ही नहीं बल्कि उनके जीवन से भी प्रेरणा लेने की सलाह दी। श्री कामति ने समस्त ग्रामीणों की ओर से बीरबल झा का आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर इस कक्षा में उपस्थित एक छोटी बच्ची आशा भंडारी डॉक्टर बीरबल झा ने इतनी प्रभावित हो गई कि उसने बीरबल झा के साथ ही पटना या दिल्ली चलकर अंग्रेजी सीखने की जिद करती देखी गई। इस भाव विह्वल बच्ची को बीरबल झा ने ऑनलाइन कक्षा में अपने घर से ही शामिल होने की सलाह देते हुए कहा कि अब डिजिटल युग में किसी भी बच्चे को क्वालिटी शिक्षा के लिए अपना घर छोड़कर बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं है। कोई भी विद्यार्थी घर बैठे ब्रिटिश लिंग्वा का ऑनलाइन स्पोकेन इंग्लिश क्लास ज्वाईन कर सकता है।

वहाँ उपस्थित गणमान्य लोगों ने यह आशा व्यक्त की कि डॉक्टर बीरबल झा का प्रयास और प्रेरणा अन्य शिक्षकों के लिए भी एक मिसाल बनेगी, जिससे वे भी अपनी शिक्षण विधियों के माध्यम से बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *