महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस जारी, बीजेपी ने ‘बिहार मॉडल’ को नकारा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है, क्योंकि बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को इस पद के लिए अपना उम्मीदवार बताते हुए महायुति के सहयोगी शिवसेना के कुछ नेताओं द्वारा सुझाए गए ‘बिहार मॉडल’ को खारिज कर दिया है। बिहार में एनडीए सत्ता में है, जहां बीजेपी के पास अधिक सीटें होने के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार हैं।
बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने इस मुद्दे पर The Indian Express से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी की मजबूत संगठनात्मक स्थिति और नेतृत्व है, इसलिए बिहार जैसी स्थिति लागू नहीं होगी। शुक्ला ने कहा कि बीजेपी ने बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान यह वादा किया था कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, जबकि महाराष्ट्र में ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखा जाएगा।
इससे पहले शिवसेना के प्रवक्ता नरेश म्हासके ने बिहार मॉडल का हवाला देते हुए कहा था कि जैसे बिहार में बीजेपी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया, वैसे ही महाराष्ट्र में भी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि महायुति के वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेंगे।
बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि एकनाथ शिंदे के समर्थक मुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो पार्टी के लिए ठीक नहीं है। महायुति गठबंधन, जिसमें बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP शामिल हैं, ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में 288 में से 230 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी। बीजेपी को 132, शिवसेना को 57 और NCP को 41 सीटें मिलीं।
चुनाव परिणामों के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा था कि देवेंद्र फडणवीस, जो बीजेपी के चेहरे के रूप में प्रचारित हुए थे, एक बार फिर मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि शिवसेना ने जोर देकर कहा है कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, क्योंकि उनकी सरकार की नीतियों, खासकर ‘लड़की बहन योजना’, ने महायुति की भारी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अजित पवार की NCP ने भी फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के पक्ष में बयान दिया है। फडणवीस 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। मंगलवार को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से कहा गया कि वे नए सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में बने रहें।
बीजेपी सूत्रों के अनुसार पार्टी अभी मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करने में जल्दबाजी नहीं करना चाहती। उनका ध्यान अब मंत्री पदों का वितरण और सरकार के गठन की विस्तृत योजना पर है, ताकि गठबंधन के भीतर किसी प्रकार की टकराव की स्थिति से बचा जा सके।