वक्फ जेपीसी ने 2025 के बजट सत्र तक का समय मांगा, आज लोकसभा में प्रस्ताव

Anti-Waqf Amendment Bill protest march to Delhi ahead of Parliament session
File photo/Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के कार्यकाल में विस्तार की मांग को लेकर गुरुवार को लोकसभा में एक प्रस्ताव पेश किया जाएगा। यह प्रस्ताव आगामी बजट सत्र, 2025 के अंतिम दिन तक समिति के कार्यकाल को बढ़ाने का है।

लोकसभा की कार्यसूची में “वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी की रिपोर्ट के संबंध में समय का विस्तार” शीर्षक से प्रस्ताव का उल्लेख किया गया है। इस प्रस्ताव को जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल और सदस्य दिलीप सैकिया पेश करेंगे। प्रस्ताव में यह कहा गया है कि सदन वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट को बजट सत्र, 2025 के अंतिम दिन तक पेश करने के लिए समय बढ़ाए।

यह विधेयक देशभर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन में सुधार के उद्देश्य से लाया गया था, लेकिन इसे जेपीसी के भीतर सत्तारूढ़ भाजपा सदस्यों और विपक्षी नेताओं के बीच तीखी बहस और व्यवधान के कारण स्थगित कर दिया गया। बुधवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जेपीसी के कार्यकाल के विस्तार की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें समिति से रिपोर्ट बजट सत्र के पहले सप्ताह में संसद को सौंपने का सुझाव दिया गया।

जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने पहले ही एक 500 पन्नों की मसौदा रिपोर्ट तैयार की है, लेकिन विधेयक की संवेदनशील और विवादास्पद प्रकृति को देखते हुए इस पर और अधिक विचार-विमर्श आवश्यक माना गया है।

हाल ही में, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ अधिनियम की आलोचना की थी और कहा था कि इसकी परिकल्पना संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने नहीं की थी। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने और वक्फ बोर्ड जैसे कानून बनाने का आरोप लगाया था।

केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को 8 अगस्त को संसद में पेश किया था, लेकिन विपक्षी आपत्तियों के बाद इसे जेपीसी को भेज दिया गया। जेपीसी को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंत तक अपनी रिपोर्ट पेश करने का कार्य सौंपा गया था। समिति में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य शामिल हैं, जिनमें 13 विपक्षी सदस्य (निचले सदन से नौ और उच्च सदन से चार) हैं।

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