मनीष सिसोदिया और मनोज तिवारी के बीच अरविन्द केजरीवाल की वीडियो को लेकर आरोप-प्रत्यारोप
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद मनोज तिवारी पर उनके पार्टी सहयोगी और पूर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक कटा-फटा वीडियो शेयर करने को लेकर हमला किया।
तिवारी ने X (पूर्व ट्विटर) पर एक 9-सेकंड का वीडियो पोस्ट किया, जिसमें केजरीवाल कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, “कोई कह रहा था कि जो संविधान लिखा है, वह शराब पीकर लिखा होगा।” यह पोस्ट केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीआर अंबेडकर पर टिप्पणी के बीच में आई, जिनकी इस टिप्पणी पर देशभर में विवाद हो गया था।
तिवारी, जो दिल्ली के उत्तर-पूर्व से तीन बार सांसद चुने गए हैं, ने लिखा, “दिल्ली के आम आदमी पार्टी के मुखिया का यह वीडियो मैंने पाया। इसे सुनकर हर कोई उनके असली रंग देख सकेगा।”
इसके जवाब में सिसोदिया ने तिवारी पर हमला करते हुए केजरीवाल के पूरे भाषण का वीडियो शेयर किया। 19-सेकंड के इस वीडियो में केजरीवाल कहते हुए सुनाई देते हैं, “कांग्रेस पार्टी के संविधान में कहा गया है कि कोई भी कार्यकर्ता शराब का सेवन नहीं करेगा। हमारे बीच किसी ने कहा था कि जो संविधान लिखा है, वह शराब पीकर लिखा होगा।”
सिसोदिया ने तिवारी को ‘सस्ते ट्रोल’ जैसा व्यवहार करने की नसीहत दी और कहा, “आप सांसद हैं, कुछ शर्म होनी चाहिए। आप झूठी बातें ट्वीट कर रहे हैं। अगर आप खुद नहीं समझते, तो कम से कम सांसद की पदवी का सम्मान करें।”
तिवारी ने सिसोदिया के आरोपों का जवाब दिया और कहा कि बहस में “शिष्टाचार” होना चाहिए। उन्होंने कहा, “आप इतने गुस्से में आ गए कि मुझे बेशर्म कह दिया। अगर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के संविधान को शराब पीकर लिखा, तो अरविंद केजरीवाल इसे कैसे इस रूप में व्याख्यायित कर सकते हैं कि ‘जो संविधान लिखा है, वह शराब पीकर लिखा होगा’? ‘जो संविधान लिखा है’ का मतलब क्या है?”
तिवारी ने यह भी सवाल उठाया, “क्या भारतीय संविधान और कांग्रेस पार्टी के संविधान में कोई अंतर नहीं है?”
यह वार्ता उस विवाद के बीच में हुई, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीआर अंबेडकर पर दिए गए विवादास्पद बयान के बाद राजनीति गर्मा गई थी।
राज्यसभा में संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर पर पिछले सप्ताह शाह ने कहा था, “अंबेडकर का नाम लेना अब फैशन बन गया है। अगर लोग भगवान का नाम इतने बार लेते, तो स्वर्ग में जगह मिल जाती।”
इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने शाह पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उनकी इस्तीफे और माफी की मांग की। हालांकि, शाह ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने उनके बयान का गलत अर्थ निकाला।