किसानों का पंजाब बंद: सड़क और रेल यातायात पर रहेगा असर, आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी

Punjab farmers' bandh: Road and rail traffic will be affected, emergency services will continue
(Screenshot/Twitter Video)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: किसानों ने सोमवार को ‘पंजाब बंद’ का ऐलान किया है, जिसके चलते राज्यभर में सभी दुकानों का बंद रहना और सड़क एवं रेल सेवाओं में व्यवधान आने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।

बंद के दौरान दूध, फल और सब्जियों की आपूर्ति भी बंद रहेगी, क्योंकि कई व्यापारिक संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है।

किसान यूनियन नेताओं के अनुसार, सुबह 7 बजे से लेकर 4 बजे तक सड़क और रेल लाइनों पर चक्का जाम किया जाएगा। सरकारी और निजी संस्थानों से अनुरोध किया गया है कि वे बंद रखें। केवल आपातकालीन वाहन जैसे एंबुलेंस, शादी के वाहन और जो भी गहरी आपात स्थिति में होंगे, उन्हें गुजरने की अनुमति होगी।

‘पंजाब बंद’ का आह्वान पिछले सप्ताह सम्युक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) द्वारा किया गया था। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि व्यापारियों, परिवहनकर्ताओं, कर्मचारियों संघों, टोल प्लाजा कर्मचारियों, श्रमिकों, पूर्व सैनिकों, सरपंचों और शिक्षकों के संघों सहित कई अन्य संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है।

किसान SKM (गैर-राजनीतिक) और KMM के बैनर तले 13 फरवरी से शंभू और खानाुरी सीमा पर पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, जब उनकी दिल्ली मार्च को सुरक्षा बलों ने रोक लिया था।

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का अनिश्चितकालीन उपवास रविवार को 34वें दिन में प्रवेश कर गया है। खानाुरी में किसान नेताओं ने कहा कि वे गांधीवादी तरीके से विरोध जारी रखे हुए हैं और अब सरकार पर निर्भर है कि वह अपने वरिष्ठ नेता को बलपूर्वक हटाने के लिए शक्ति का उपयोग करना चाहती है या नहीं। उन्होंने कहा कि जो भी स्थिति उत्पन्न होगी, उसकी जिम्मेदारी केंद्र और संवैधानिक संस्थाओं पर होगी।

रेल और सड़क यातायात सोमवार को पूरी तरह बंद रहेगा।

किसानों के बंद के समर्थन में, पंजाब में बस सेवाएं भी सोमवार को निलंबित रहेंगी। पीआरटीसी बस सेवाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रहेंगी, जबकि निजी बस ऑपरेटरों ने पूर्ण समर्थन देने का ऐलान करते हुए सोमवार को सुबह 7 बजे से 4 बजे तक राज्यभर में बस सेवाओं को बंद रखने की घोषणा की है।

किसानों के मुख्य मांगों में एमएसपी पर कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में वृद्धि पर रोक, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाना शामिल हैं।

इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की पुनर्स्थापना और 2020-21 में पूर्व आंदोलनों में शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *