आपने महिला शिक्षा के लिए कुछ नहीं किया: सीएम नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी से कहा

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और उसके नेता लालू प्रसाद यादव तथा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर निशाना साधे जाने के बाद तीखी बहस हुई।
एक समय तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षा विभाग से जुड़े एक सवाल पर अपना आपा खो बैठे और राबड़ी देवी पर निशाना साध दिया।
यह घटना तब हुई जब राजद एमएलसी उर्मिला ठाकुर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में बालिका उच्च विद्यालय की स्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि गरहरा गांव में लड़कियों के लिए कोई उच्च विद्यालय नहीं है। लड़कियां बरौनी के अन्य विद्यालयों में नहीं जा पाती हैं, क्योंकि वे उस स्थान से चार से पांच किलोमीटर दूर हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तुरंत उठे और सदन में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा, “राजद सरकार के दौरान शिक्षा प्रणाली ध्वस्त हो गई थी। मैंने ही इसे पुनर्जीवित किया।”
उन्होंने कहा, “राजद सरकार ने महिलाओं के लिए क्या किया? पहले महिलाएं कहां पढ़ती थीं? उन्हें प्राथमिक शिक्षा तक पहुंच मुश्किल से मिलती थी।” उन्होंने राबड़ी देवी और लालू यादव पर हमला करते हुए कहा, “जब उनके पति (लालू प्रसाद यादव) बाहर थे (चारा घोटाले में जेल में बंद), तो उन्होंने अपनी पत्नी को सीएम बनाया, लेकिन उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के लिए कुछ नहीं किया। महिलाओं के लिए सभी काम मेरी सरकार ने किए।”
सीएम नीतीश कुमार की टिप्पणी से सदन में आरजेडी और जेडी(यू) एमएलसी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इससे पहले, वह बिहार विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर विपक्षी नेताओं के विरोध पर नाराज हुए। विपक्षी विधायकों ने कथित अपराध वृद्धि के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन के वेल में घुसकर नालंदा में 25 वर्षीय महिला की नृशंस हत्या का हवाला दिया। उसका शव उसके पैरों में 10 कीलें ठोंक कर बरामद किया गया था।
सीएम नीतीश कुमार ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जब भी कोई घटना होती है, हम तुरंत अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं। जो भी परेशानी पैदा कर रहा है, उसे परिणाम भुगतने होंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं हाथ जोड़कर विपक्षी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे बैठ जाएं और सदन को चलने दें।” सीएम नीतीश कुमार के बयान के बाद स्पीकर नंद किशोर यादव ने विपक्षी विधायकों से बार-बार अपनी सीट पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने अपना विरोध जारी रखा। सीएम के आक्रामक रुख से पता चलता है कि वह विपक्ष के हमलों को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं थे। आरजेडी के पलटवार से 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ते राजनीतिक टकराव का पता चलता है।