मां उग्रतारा की पावन भूमि और मंडन धाम से मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत
चिरौरी न्यूज़
सहरसा: मिथिलांचल के प्रसिद्ध शक्तिपीठ महिषी में रविवार को मंडन धाम में मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल 2020 की औपचारिक शुरुआत हो गई। मां उग्रतारा की वंदना करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चार साथ आयोजन की शुरुआत की गई। उदघाटन सत्र में वक्ताओं ने कहा कि जब गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की शुरुआत की, तो उन्होंने भगवती की अराधना की। हम लोगों को आज बेहद खुशी है कि आज मां उग्रतारा की क्षत्रछाया में मंडन धाम में अपनी संस्कृति और समाज के सर्वांगीण विकास की कामना कर रहे हैं। इसके लिए आयोजक सहित समस्त लोग धन्यवाद के पात्र हैं।
उदघाटन सत्र में मैथिली के मूर्धन्य विद्वान भीमनाथ झा, ललितेश्वर मिश्र, सदाशिव चौधरी, बिनय कुमार चौधरी आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखें। वक्ताओं ने मंडन धाम की महिमा, मंडन मिश्र और भारती के साथ आदि शंकराचार्य के शास्त्रार्थ प्रकरण, शक्तिपीठ उग्रतारा के साथ मिथिला के अतीत और वर्तमान को लेकर अपनी बातें की। स्थानीय लोगों में काफी उत्साह दिखा कि यह आयोजन उनके क्षेत्र में हो रहा है।
बता दें कि संस्कृति और समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर सेंटर फाॅर स्टडीज ऑफ ट्रेडिशन एंड सिस्टम्स, नई दिल्ली के सौजन्य से इस बार अमरेश पाठक स्मृति सम्मान की शुरुआत मंडन धाम से ही की गई है। प्रथम पुरस्कार महिषी निवासी बिनोवा भावे के सहकर्मी रामजी पौद्दार को दिया गया। इसके तहत उन्हें 25 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया गया। 96 वर्षीय रामजी पौद्दार आयुर्वेद के जानकार हैं और बीते सात दशक से महिषी को अपना कर्मभूमि बनाए हुए हैं। समाज के लिए ये एक प्रेरणास्रोत हैं।
आयोजन समिति की सविता झा खां ने कहा कि कोरेाना ने भले ही लोगों की गति मंद की हो, लेकिन हमारा लक्ष्य हमसे ओझल नहीं हुआ। हमारी टीम और मिथिला के लोगों का साथ है कि इस प्रतिकूल परिस्थिति में भी हम मंडन धाम में आप सभी लोगों के सामने हैं। हमारा आयोजन हो रहा है। आगे भी इसी प्रकार हम मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन करते रहेंगे।
आयोजन समिति के आलोक पाठक, डॉ. नन्दकिशोर चैधरी, अमित आनंद, रणविजय झा की ओर से कहा गया कि कोरोना के कारण इस वर्ष तीन दिवसीय आयोजन एक ही स्थल पर नहीं किया जाएगा, मंडन धाम पर इसकी औपचारिक उद्घाटन हुई। इसके बाद 29 और 30 दिसंबर को आनॅलाइन सत्र का आयोजन किया जाएगा।