ये भारत के यंगिस्तान की जीत है
चिरौरी न्यूज़
ब्रिसबेन में भारतीय टीम के जीत के हीरो रहे ऋषभ पन्त, शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुन्दर, टी नटराजन और शार्दुल ठाकुर। ये सभी टीम इंडिया के स्थापित खिलाड़ियों में नहीं हैं। सिराज, सुंदर, नटराजन और ठाकुर ने तो ऑस्ट्रेलिया सीरीज में ही टेस्ट में करियर की शुरुआत की है। लेकिन इन खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि जीत का जज्बा हो तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है। कल तक जो कक्रिकेट पंडित टाम इंडिया को अनुभवहीन बता कर ख़ारिज कर रहे थे, वही आज सीरीज जीतने पर बधाइयों का ताँता लगा रहे हैं।
ये सेरिज इस मायनों में भी खास है कि पहले मैच में भारत मात्र 36 रन पर आलआउट हो गयी थी और पूरे टीम का मनोबल टूट गया था। कप्तान कोहली का साथ भी टीम को नहीं था। भारत के महत्वपूर्ण खिलाड़ियों की चोट की समस्या भी टीम के लिए मुसीबत बन गयी थी। मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव जैसे खिलाड़ी टीम के साथ नहीं थे, लेकिन युवाओं ने जबरदस्त खेल दिखाया और सीरीज को अपने नाम किया।
इस सीरीज में युवा खिलाड़ी ऋषभ पंत, शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर और टी नटराजन का उभार कर आना एक सुखद संकेत है और स्थापित खिलाड़ियों के लिए चेतावनी भी। शुभमन गिल ने आज के मैच में 146 गेंद में 91 रन बनाये, जबकि ऋषभ पंत ने आज 138 गेंद खेलकर नाबाद 89 रन बनाये। आज के खेल में पंत ने 1000 टेस्ट रन पूरे करने का एक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। पंत भारत की ओर से टेस्ट किकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले विकेटकीपर बन गए हैं। पंत से पहले यह रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धौनी के नाम था।
पंत ने पहली पारी में भी 44 रन बनाये थे। शार्दुल ठाकुर और वाशिंगटन सुंदर ने पहली पारी में 67 और 62 रन बनाकर पारी को संभाला था वरना आस्ट्रेलिया उसी पारी में टीम पर हावी हो सकती थी। सिराज ने इस टेस्ट में छह विकेट लिया, दूसरी पारी में पांच और पहली पारी में एक। जबकि शार्दुल ने पहली पारी में तीन और दूसरी पारी में चार विकेट लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया अगर 30 साल के बाद हारी है तो भारत के यंगिस्तान को इसका श्रेय जाता है।