किसानों ने लाल किले पर किया कब्ज़ा, तिरंगा उतार कर फहराया अपने संगठनों का झंडा
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: ट्रैक्टर परेड में किसानों ने जैम कर हंगामा किया है और किसानों की भीड़ ने लाल किला को पूरी तरह से कब्जे में ले लिया है। दिल्ली के बॉर्डर से ट्रैक्टर द्वारा पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने लाल किले को कब्जे में ले कर वहां फहराते हुए तिरेंगे को उतार दिया और अपने संगठनों का झंडा फहराया। हालांकि कुछ प्रदर्शनकारियों के हाथों में तिरंगा जरुर था, लेकिन उनमें से किसी ने भी देश के तिरेंगे झंडे को उतारने से नहीं रोका। पुलिस भी बड़ी तादात में प्रदर्शनकारियों के आगे मूक दर्शक बनी रही। लाल किले के प्रांगन में प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया।
हालांकि पुलिस ने किसानों को रोकने की पहले कोशिश की लेकिन किसानों के द्वारा पुलिस को ट्रैक्टर के द्वारा कुचलने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस किनारे खड़े होकर किसानों का हंगामा देखती रही। दिल्ली-एनसीआर में लाठीचार्ज और झड़प की खबरों के बीच कई सड़कों पर भगदड़ की स्थिति है। हालात तनावपूर्ण हो गया है। दिल्ली में हंगामे की स्थिति को देखते हुए इंद्रप्रस्थ सहित कई मेट्रो स्टेशन के गेट को बंद कर दिया गया है।
ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ जगह पर हो रही हिंसा पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है। हिंसा के बारे में मुझे जानकारी में नहीं है। हम गाजीपुर में हैं और यहां यातायात सुचारू रूप से लगातार चल रहा है।
दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हो रहे रहे हंगामे को लोकर राहुल गांधी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा। देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!
लाल किले पर किसानों के प्रदर्शन को किसान नेता योगेंद्र यादव ने गलत बताया है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि यह बिना किसी संदेह के निंदनीय है और शर्मिंदगी का विषय है। उन्होंने किसान नेताओं और आंदोलन में शामिल लोगों से अपील किया कि पुलिस के दिए रूट को ही मानें। जो लोग तय रूट से बाहर चले गए हैं उन्हें भी तय रूट पर ही वापस आ जाना चाहिए।