भारत ने पीओके को दी मौसम बुलेटिन में जगह, पाकिस्तान ने दी UNSC की दुहाई
(फोटो, सिर्फ रिप्रजेंटेशन के लिए उसे किया गया है.)
न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली: जब से भारतीय मौसम विभाग ने गिलगित बाल्टिस्तान को अपने बुलेटिन में जगह दिया है, पाकिस्तान की रातों की नींद उडी हुई है। ये सभी जानते हैं कि पीओके जिसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहते हैं, भारत का हिस्सा है, और पाकिस्तान ने इस पर कब्ज़ा जमा रखा है। मौसम विभाग ने जब इस क्षेत्र को अपने बुलेटिन में शामिल किया तो पाकिस्तान की इस पर तीखी प्रतिक्रिया देना स्वाभाविक है। अब भारत के इस कदन से बौखलाए हुए पाकिस्तान ने एक बार फिर सयुंक्त राष्ट्र संघ का राग अलापा है, और कहा है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों का उलंघन किया है. पाकिस्तान ने भारत के मौसम विभाग की तरफ से जारी बुलेटिन को गैरजिम्मेदाराना कदम बताते हुए इस दावे को सिरे से नकारा है। हालांकि, भारत ने पहले ही कह दिया था कि पाकिस्तान उन इलाकों पर अपना हक ना जताए, जो उसने अवैध तरीकों से और जबरन कब्जा कर लिया है।
जैसी उम्मीद थी, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने टिकी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ‘पिछले साल भारत की ओर से जारी किए गए तथाकथित राजनीतिक नक्शे की तरह ही यह कदम भी पूरी तरह से अवैध, वास्तविकता के विपरीत और यूएनएससी के प्रस्तावों का उल्लंघन है। पाकिस्तान भारत के इस वेदर बुलेटिन को खारिज करता है।’
पाकिस्तान ने कहा है कि, ‘एकतरफा और गैरकानूनी कदमों से भारत जम्मू-कश्मीर के ‘विवादित’ स्टेटस को बदल नहीं सकता है। कश्मीर की यही पहचान वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र के सामने भी है। पाकिस्तान भारत से अपील करता है कि इस तरह के निराधार दावों से बचें।’
वहीँ भारतीय मौसम विभाग के डायरेक्टर- जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए वेदर बुलेटिन जारी करता रहा है। हम बुलेटिन में गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद का जिक्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह भारत का हिस्सा है।
दरअसल, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद एक बार फिर चर्चा में इसीलिए आया कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के आदेश दिए थे, जिसपर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि पाकिस्तान को वहां पर दखल देने का कोई हक नहीं है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जम्मू-कश्मीर सब-डिविजन को अब ‘जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद’ कहना शुरू कर दिया है।