ईएसएल अपने किस्म की अनूठी आर्चरी ऐकेडमी के जरिए तीरंदाजी को बढ़ावा देगी
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: झारखंड राज्य को भारत के खेल के नक्शे पर लाने और स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की कोशिश में इस्पात क्षेत्र की एक प्रमुख राष्ट्रीय कंपनी, वेदांत ईएसएल स्टील लिमिटेड ने बोकारो के पास सियालजोरी गांव में एक आर्चरी ऐकेडमी की स्थापना की है। यह झारखंड में कंपनी के इस्पात निर्माण प्लांट के पास है।
झारखंड परंपरागत रूप से तीरंदाजी के क्षेत्र में रहा है। राष्ट्रीय स्तर के कुछ तीरंदाजों के अलावा कुछ उभरते तीरंदाज भी इस राज्य के हैं। वैसे भी, राष्ट्रीय स्तर पर यह राज्य खेल-कूद के मामले में आगे रहा है। ईएसल स्टील आर्चरी ऐकेडमी से उम्मीद की जाती है कि यह राज्य में इस खेल को खूब प्रोत्साहन देगी तथा राज्य में अच्छी प्रतिभा के विकास में सहायता करेगी।
तीरंदाजी के खेल में भारत की स्थिति वैसे भी बेहतर है और यहां विश्व स्तर के तीरंदाज तैयार होते रहे हैं। इनमें से ज्यादातर झारखंड राज्य के रहे हैं। इनमें दीपिका कुमारी, कोमालिका बारी और पूर्णिमा महतो उल्लेखनीय हैं। इन्हें वैश्विक स्तर पर देश के लिए प्रशंसा हासिल हुई है।
ईएसएल स्टील की आर्चरी ऐकेडमी नई प्रतिभा का विकास करना चाहती है जो न सिर्फ इस खेल में राज्य का प्रतिनिधित्व करे बल्कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भी देश का प्रतिनिधित्व करे।
ईएसएल स्टील की आर्चरी ऐकेडमी अपने किस्म की अनूठी सुविधा है जो भिन्न सेवाओं जैसे रहने की जगह, भोजन और जिम्नाजियम से युक्त है। ऐकेडमी अपने छात्रों को यूनिफॉर्म और चिकित्सा सुविधा मुहैया कराती है। तीरंदाजी के प्रत्येक छात्र को विशेषज्ञों के संरक्षण में प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे में बोकारो के युवाओं और बच्चों के लिए पास ही में सबसे अच्छी ऐकेडमी है जो तीरंदाजी के उनके कौशल को निखार सकती है और भविष्य में वे चमकते सितारे हो सकते हैं।
राज्य में तीरंदाजों को प्रेरित करने और उन्हें मुकाबले के लिए आगे लाने के लिए ईएसएल स्टील ने समय-समय पर अपने ऐकेडमी में तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया है। गए महीने, कंपनी ने अपने ऐकेडमी में जिला स्तर पर तीरंदाजी टूर्नामेंट का आयोजन किया था। यह आयोजन बोकारो जिला आर्चरी एसोसिएशन के साथ मिलकर आर्चरी ग्राउंड में किया गया था। कुल मिलाकर, 100 तीरंदाजों ने इसमें हिस्सा लिया। इनमें 80, बोकारो के 11 ब्लॉक के थे और 20 वेदांत ईएसएल आर्चरी ऐकेडमी के। जिला टूर्नेंमट के विजेताओं को इस खेल में राज्य का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।
इस समय करीब 35 छात्रों को ईएसएल आर्चरी ऐकेडमी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऐकेडमी बच्चों को 9 साल से कम, 14 साल से कम और 17 साल की तीन श्रेणी में तीरंदाजी का प्रशिक्षण देगी।
तीरंदाजी सरकार के लिए प्राथमिकता वाले खेलों में से एक है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए। प्रधानमंत्री ने 2024 ओलंपिक खेलों में स्वर्णपदक जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रत्येक राज्य को एक खेल दिया गया है और यह ‘एक राज्य, एक खेल’ रणनीति के सहत है। झारखंड के लिए तीरंदाजी का चुनाव किया गया है। इसके तहत ईएसएल द्वारा आर्चरी ऐकेडमी की शुरुआत और इस टूर्नामेंट का आयोजन प्रधानमंत्री के इरादे को आगे बढ़ाने के लिए एक जोरदार पहल है। यह स्थानीय तीरंदाजों को एक मंच देना और उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास करना भी है। ऐकेडमी में प्रशिक्षण पाए ये युवा तीरंदाज संभवतः राज्य के लिए खेलेंगे और भविष्य में शायद देश के लिए खेलें।
ईएसएल आर्चरी ऐकेडमी बहुत कम उम्र में ही प्रतिभाओं को पहचान लेती है और ऐकेडमी में उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे राष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में अग्रणी बनें। उदाहरण के लिए यवना यादव जो सिर्फ पांच साल की है और उसे ईएसलएल की आर्चरी ऐकेडमी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वह झारखंड के एक सुदूर गांव मूनीडिह की रहने वाली है तथा राज्य स्तर की कई चैम्पियनशिप में भाग लिया है और जीती है।
ईएसएल स्टील के अनुसार उद्देश्य खेल की सर्वश्रेष्ठ सुविधाओं की स्थापना करना था ताकि खेल के क्षेत्र में कुछ करने वालों को राज्य और देश के लिए निखारा जा सके। इस बात का ख्याल रखते हुए कंपनी ने खेल क्षेत्र के कुछ अग्रणी विशेषज्ञों को अपनी ऐकेडमी में तीरंदाजों को प्रशिक्षण देने के लिए राजी किया। मकसद आवश्यक सुविधाओं के युक्त ऐकेडमी बनाना था जहां प्रशिक्षित पेशेवर भी हों। यहां छात्रों के लिए आवास और भोजन की सुविधा भी है। ऐकेडमी तीरंदाजों के लिए पोषण और चिकित्सा सुविधाएं भी मुहैया कराती है।
तीरंदाजी के पेशेवर उपकरण बहुत महंगे हैं और अक्सर आयात करने की जरूरत होती है। ये सूक्ष्म उपकरण होते हैं और सर्वश्रेष्ठ परिणाम के लिए इन्हें शुद्ध रूप से काम करना होता है। राज्य के ज्यादातर तीरंदाज गरीब हैं और उनकी पहुंच ऐसे उपकरण तक नहीं हैं। ऐकेडमी ने अपने यहां प्रशिक्षण पाने वाले सभी बच्चों को आर्चरी की पूरी किट मुहैया कराने की सोची है।
आर्चरी ऐकेडमी ईएसएल के सीएसआर प्रोग्राम का भाग है। खेल के लिए ईएसआर का सीएसआर प्रोग्राम खेल के उभरते शौकीनों के लिए एक सुविधा की तरह है जहां वे अपने कौशल का विकास कर सकते हैं और अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं और संभावनाओ के अपने क्षितिज का विस्तार कर सकते हैं। यह चुनौतियों से निपटने तथा परंपरागत कौशल के विकास और खेल के लिए न्यायसंगत तथा कार्यकुशल मौके की दिशा में एक छोटा कदम है।