उत्तर प्रदेश के संभल में 1857 युद्ध कालीन 250 फीट गहरा बावड़ी मिला
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के लक्ष्मण गंज क्षेत्र में एक ऐतिहासिक 250 फीट गहरे कुआं, जिसे ‘रानी की बावड़ी’ के नाम से जाना जाता है, का पता चला। यह कुआं 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम के दौरान के काल का बताया जा रहा है। खुदाई के दौरान दो बुलडोजरों ने साइट की खुदाई की, जिसके बाद यह बावड़ी सामने आई।
इस ऐतिहासिक खोज के बाद, पहले इस क्षेत्र में एक प्राचीन बांके बिहारी मंदिर के खंडहर भी मिले थे। यह खंडहर भी इस महीने की शुरुआत में ही मिला था।
संकेत मिलता है कि लक्ष्मण गंज में कभी साहसपुर के शाही परिवार का निवास था और यहां एक कुआं भी था। स्थानीय लोगों ने जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर इस स्थल की खुदाई और सौंदर्यीकरण की मांग की थी। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट ने खुदाई का आदेश दिया और दो बुलडोजरों से खुदाई करवाई, जिसके परिणामस्वरूप ‘रानी की बावड़ी’ का पता चला।
अधिकारियों ने कहा कि कि जिन परिवारों ने इस स्थल पर अतिक्रमण किया है, उन्हें नोटिस देकर हटाया जाएगा।
इससे पहले, शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने संभल के कर्तिकेय मंदिर में कार्बन डेटिंग की प्रक्रिया की, जिसे 13 दिसंबर को 46 साल बाद फिर से खोला गया था। मंदिर को 1978 में सांप्रदायिक दंगों के बाद बंद कर दिया गया था, जिसके चलते स्थानीय हिंदू समुदाय विस्थापित हो गया था। यह मंदिर शाही जामा मस्जिद के पास स्थित है, जहां 24 नवंबर को एक अदालत के आदेश पर सर्वे के दौरान विरोध प्रदर्शन में चार लोग मारे गए थे।