कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के बीच आर-पार की जंग
शिवानी रज़वारिया
हिमाचल की बेटी या कहे बॉलीवुड की तेजतर्रार, दबंग, बेबाक एक ऐसा सितारा कंगना रनौत महाराष्ट्र सरकार के लिए किरकिरी का कारण बन गयी है। एक ऐसा सितारा जो महाराष्ट्र सरकार के विरोधियों के आंख का तारा है और वह तारा भी ऐसा वैसा नहीं है, यह तारा बॉलीवुड के आस्मन्न में ध्रुव तारा की तरफ चमकता भी है और अपने बयानों में आग भी उगलता है। महाराष्ट्र सरकार और बॉलीवुड सितारे के बीच आर-पार की जंग जारी है अब देखना यह है अगली किसकी बारी है।
शह-मात का सिलसिला जारी है, कब कहां किस का बोलबाला होगा यह देखने की बारी है। फिलहाल इस पूरी घटना को कुछ भागों में समझने की कोशिश करते हैं।
शुरुआत कंगना रनौत की बॉलीवुड में एंट्री से करेंगे। बॉलीवुड क्वीन कही जाने वाली कंगना रनौत की छवि एक बोल्ड दबंग लड़की की तरह बॉलीवुड में हुई, जिसकी शुरुआती फिल्मों में ही उनके किरदार को एक अलग पहचान मिली। दूसरे राज्य हिमाचल से आई एक लड़की जिसने इंडस्ट्री में आते ही अपनी अदायगी से एक अलग मुकाम हासिल किया और देखते ही देखते कॉन्ट्रोवर्सी की दुनिया में उसका नाम बढ़-चढ़कर सामने आने लगा।
कंगना ने फिल्म इंडस्ट्री में रहकर बड़े-बड़े सितारों पर भी तंज कसने में कभी हिचकिचाहट नहीं दिखाई, चाहे वह आवाज अवार्ड्स के लिए हो या फिल्मों को लेकर या फिर फिल्मों में फेमिनिज्म को लेकर। हर मुद्दे पर कंगना बोलने के लिए सशक्त रहती हैं और ऐसा बोलती है कि सब उनके बेबाक बयानों के कायल हो जाते हैं। कॉन्ट्रोवर्सी में कंगना रनौत का नाम जुड़ता गया और आज भी यह तरक्की की ओर है।
अब सीधा बात 2020 से करते हैं। 2020 में कंगना रनौत ने सोशल मीडिया में क़दम रखा और खबरों की दुनिया में हॉट हेडलाइंस में अपना नाम दर्ज करा लिया, जिसके बाद से उनकी जिंदगी में ऐसी उथल पुथल मची है जिसका शोर पूरे देश में गूंज रहा है।
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या पर सबसे पहले सवाल कंगना रनौत ने ही खड़े किए थे। इसके पीछे उन्होंने बॉलीवुड के बड़े-बड़े सितारों का नाम लेते हुए आरोप भी लगाए थे। कंगना के बयान के बाद से ही यह मामला तूल पकड़ने लगा और धीरे-धीरे तफ्तीश की पकड़ मजबूत होने लगी। तमाम मीडिया चैनल्स संज्ञान में आए सुशांत सिंह राजपूत के केस की इन्वेस्टीगेशन शुरू कर दी इसके बाद तो जैसे इस केस में इन्वेस्टिगेशंस की बाढ़ आने लगी और इसका बहाव कब किस रुख बैठे यह कहना मुश्किल होने लगा।
बॉलीवुड सितारे जो इतने सालों से चुप्पी साध कर बैठे थे ऐसा लगा जैसे सुशांत सिंह राजपूत का जाना और कंगना की पहल की एक चिंगारी ने उनके दिल और दिमाग में बुझी आग को हवा दिखा दी और उनका दर्द बॉलीवुड में नेपोटिस्म पर आग बरसाने लगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तो शायद ही ऐसी मुहिम कभी किसी मुद्दे पर या किसी मामले पर चलाई गई होगी जो मुहिम सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ दिलाने के लिए चलाई जा रही है। पहली बार ऐसा लगा कि देश हो या विदेश सबकी एक ही लड़ाई है इंसाफ की लड़ाई।
जबसे सुशांत सिंह राजपूत के केस की इन्वेस्टिगेशन शुरू हुई है तब से ही कंगना यह मुहिम चला रही है कि जल्द से जल्द सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ मिले।
इसी बीच उन्होंने मुंबई पुलिस पर बयान देते हुए मुंबई में अपनी सुरक्षा पर खतरा महसूस किया। ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट कर दिया, बस उसके बाद से जो संग्राम शुरू हुआ है वह बढ़ता ही चला जा रहा है। बॉलीवुड क्वीन कंगना का केस ट्वीट के बाद महाराष्ट्र सरकार के संज्ञान में आ गई जैसे अचानक उसकी आंख खुली हो और सब कुछ समेंटने के लिए अपने दोनों हाथ फैला कर जुट गई हो।
मुंबई में आने की धमकी मिली, कंगना की फोटो पर चप्पलों से मारा गया, उनके खिलाफ नारेबाजी की गई इस सब के बावजूद कंगना ने अपनी दहाड़ लगाते हुए “मुंबई किसी के बाप की नहीं है” कहते हुए पलट कर जवाब दिया तो वही शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कंगना को “हरामखोर” कह दिया। एक के बाद एक पलटवार और अब तो शब्दों की मर्यादा भी टूटने लगी।
इतना ही काफी नहीं था कंगना ने तो खुले में 9 सितंबर को मुंबई जाने का ऐलान कर दिया और संजय राउत को खुली चुनौती दे डाली। अभी लड़ाई आमने सामने की हो गई है। दो राज्यों के बीच की हो गई है दो पार्टियों के बीच की हो गई है।
अब यह राजनीतिक लड़ाई बन गई है अब आप कहेंगे कि यह राजनीतिक लड़ाई कैसे बन गई? कंगना रनौत हिमाचल राज्य की रहने वाली है और उनकी सुरक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उन्हें वाई सिक्योरिटी दी है। संजय राउत ने अपने बयान में उन्हें दूसरे राज्य से आई लड़की कहकर “हरामखोर” बता दिया और यह बयान भी दिया कि यह कंगना रनौत नहीं बोल रही हैं उनके पीछे किसी और का हाथ है।
ड्रग्स मामले में भी कंगना रनौत की इंक्वायरी बैठाने की बात निकल गई तो उस पर कंगना का जवाब आया कि एनसीबी उनका ड्रग टेस्ट करवाएं अगर वह ड्रग एक्टिव मिलती हैं तो वह मुंबई में कदम नहीं रखेंगी। महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बीएमसी को कांगना के ऑफिस भेज दिया और अवैध रूप से निर्माण के लिए कंगना के ऑफिस पर बुलडोजर चला दीया।
इस सब के बाद यही कहा जा सकता है यह लड़ाई लंबी है, किसका पासा कब पलट जाएं यह देखना काफी दिलचस्प रहेगा।