डूटा अध्यक्ष बनने के बाद प्रो. अजय कुमार भागी ने कहा – शिक्षकों का हित पहली प्राथमिकता

After becoming DUTA President, Prof. Ajay Kumar Bhagi said – Teachers' welfare is the first priority
(File Pic: Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) चुनाव में प्रो.ए.के.भागी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में सक्रिय विभिन्न शिक्षक संगठनों के संयुक्त उम्मीदवार डॉ.आदित्य नारायण मिश्रा को 3787 मतों के मुकाबले 4182 मत प्राप्त कर विजय प्राप्त की।

प्रो.भागी ने डॉ आदित्य नारायण मिश्रा पर 395 मतों से विजय प्राप्त की। इस चुनाव में 8295 शिक्षकों ने मतदान किया जिसमें से 326 अवैध मत निकले। कुल वैध मत 7969 थे। इसके साथ ही प्रो.भागी लगातार दो बार डूटा अध्यक्ष बनने वाले नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के इतिहास के पहले उम्मीदवार बन गए है। 4000 से अधिक मत प्राप्त करने वाले ड़ूटा के पहले अध्यक्ष भी बन गए है।

सीधे मुकाबले में दो उम्मीदवारों के बीच हुई इस टक्कर में डॉ.भागी को मिले रिकार्ड मतों ने साबित कर दिया है कि विश्वविद्यालय की शिक्षक बिरादरी नियमतिकरण के मॉडल के साथ खड़ी है।

प्रो.भागी ने जीत के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए साफ कर दिया कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की गरिमा, सम्मान और उनको हितों की रक्षा के लिए जारी कार्य अपनी उसी रफ्तार से जारी रहेंगे, जिस तरह से हो रहे हैं और इस चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।

नवनिर्वाचित डूटा अध्यक्ष प्रो.ए.के.भागी ने अपने दूसरे कार्यकाल की जीत पर गुरुवार को कहा कि यह उनकी नहीं अपितु विश्वविद्यालय के हर उस शिक्षक की जीत है जिसने उनके जैसे सामान्य शिक्षक पर भरोसा किया।

प्रो.भागी ने कहा कि यदि कोई भी संगठन नेक नीयत के साथ काम करता है, तो उसका सकारात्मक परिणाम अवश्य मिलता है। देश के इतिहास में केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्तर पर यह पहला मौका है जब लगातार इतने लंबे समय और इतनी अधिक संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय सिर्फ और सिर्फ ड़ूटा और उसके हर शिक्षक कार्यकर्ता को जाता है।

अभी तक डीयू में 2800 से अधिक स्थाई नियुक्तियां और 10 हजार से ज्यादा यूनिट्स पर शिक्षकों की पदोन्नतियों के कार्य को सम्पन्न कराया जा चुका है। उन्होने ज़ोर देकर कहा कि अभी लगभग 2800 नई नियुक्तियों का लक्ष्य सामने है जिसे हम रिकॉर्ड समय में अवश्य पूरा करेंगे और  नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक तीव्र किया जाएगा।

अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बताते हुए प्रो. भागी ने कहा कि जिन कॉलेजों में 75% पदों पर नियुक्तियाँ हो चुकी है उनमें ई डब्ल्यू एस की 25% सीटें लाने के लिए शिक्षा मंत्रालय पर दबाव बनाया जाएगा। तदर्थ शिक्षक के रूप में दी गई सेवा को प्रमोशन  में पूरी तरह से शामिल किए जाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लागू करवाने की पुरजोर कोशिश की जाएगी। दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कालेजों में नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ नही हुई है। ड़ूटा की प्राथमिकता होगी कि जल्द से जल्द इन कालेजों में विज्ञापन आए। 12 कालेजों में फंडिंग का मुद्दा समस्या बना हुआ है, दिल्ली सरकार पर दबाव डाला जाएगा कि इन कालेजों में समय पर ग्रांट और वेतन उपलब्ध कराया जाए अन्यथा यू जी सी से इन्हे अपने अंतर्गत लेने का अनुरोध किया जाएगा।

प्रो. भागी के अनुसार एन डी टी एफ  के नेतृत्व वाली डूटा ने महाविद्यालय में प्रोफेसरशिप और विभागों में सीनियर प्रोफेसरशिप के पद को लाकर शिक्षकों को वाजिब हक दिलाया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) की अनॉमली कमेटी रिपोर्ट, 1991 से पहले नियुक्त शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों के लिए सेवानिवृत्ति लाभ, चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम के 176 क्रेडिट्स के आधार पर शिक्षण कार्य की गणना, तदर्थ (महिला) शिक्षकों के लिए मातृत्व अवकाश, नॉन-पीएचडी धारकों के लिए असोसिएट प्रोफेसर तक के पदों तक पदोन्नति, 2018 रेगुलेशन्स के तहत भर्ती और पदोन्नति में एड-हॉक और पोस्ट-डॉक्टरल अनुभव को शामिल कराना इत्यादि सम्मिलित है। डुटा ने अनेक ऐसे मुद्दों को सुलझाया जोकि बेहद पेचीदा हो चले थे, जैसे कि आप सरकार द्वारा डीयू से कॉलेज ऑफ़ आर्ट के डी-एफ़ीलिएशन को रोकना, अध्ययन अवकाश के अवसरों को बढ़ाना, और एनपीएस सदस्यों के लिए लाभकारी नीतियों को सुनिश्चित करना उनकी उपलब्धि में शामिल है प्रो भागी ने बताया कि कोरोना काल में गर्मी की छुट्टी में काम करने के एवज में 36 अर्जित अवकाश दिलाना, अध्ययन अवकाश, सीसीएल और अन्य वेतन युक्त अवकाशों के कारण असर रहित प्रमोशन इत्यादि प्रावधानों को सुनिश्चित कराना शामिल रहें। इन्ही कामों की वजह से शिक्षकों का समर्थन प्राप्त हुआ।

भविष्य की योजना पर प्रो.भागी ने कहा कि अब डूटा का प्रयास है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में नासूर की तरह घर कर चुकी तदर्थवाद की समस्या का अंत शीघ्र हो । शिक्षकों को पुनः उनकी गरिमा व सम्मान प्राप्त हो । जल्द ही शेष लगभग 2900 रिक्त पदों पर नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।अगले चरण में हम मिलकर पूर्ण पूर्व सेवा गणना (Full Past Service Count) और पुरानी पेंशन योजना (OPS) के लिए काम करेंगे ।

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