एक साथ फैशन, डिजाइनिंग और सोशल वर्क में हाथ आजमा रही है अर्चना भगत शेफर
बता दें कि कोरोना महामारी से कुछ दिन पहले ही दुबई से अर्चना भगत शेफर भारत आई। यहां पुणे में अपने परिवार के साथ रहीं और बाद में उनके पति भी पुणे आकर काम करने लगे। अब उन्हें पुणे अधिक रास आ रहा है। यहां के सामाजिक क्षेत्र में भी ये सक्रिय हो गई हैं। वो कहती हैं कि आप दुनिया के किसी भी देश में रह लें, लेकिन जो सुकून अपने देश भारत में आकर मिलता है, वह सबसे अधिक प्रिय होता है। अर्चना दुबई से पहले जर्मनी में रहती थीं।
एक सवाल के जवाब में अर्चना भगत शेफर ने बताया कि यह सच है कि शादी के बाद हर लड़की के जीवन में काफी कुछ बदल जाता है। कई सपने अधूरे रह जाते हैं। जब आपको ध्यान आता है, तो काफी समय बीत चुका होता है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं होता है कि आप हार मानकर चुपचाप बैठ जाएं। सपने आपके हैं, तो पूरा आपको ही करना होगा। उन्होंने कहा कि फैशन, फिटनेस और डिजाइनिंग शुरू से ही पूरा पैशन रहा। मैंने इसे पूरा किया और पूरा परिवार साथ रहा।
अर्चना भगत शेफर ने बताया कि वो अपने आस पड़ोस के लोगों को समझाती हैं कि यदि आप जिम में वर्कआउट के लिए जाती हैं, तो कभी भी कार से नहीं जाएं। आप वाक करते हुए जाएं या साइकिल से जाएं। कार से यदि जिम जाते हैं, तो उस वर्कआउट का कोई अधिक लाभ नहीं होता है।
फैशन के मंच पर सपना सच होने की बाबत अर्चना भगत शेफर ने बताया कि 6 अक्टूबर मेरे लिए बेहद खास है। यह मेरा बर्थडे है। इसी दिन पारिसा कम्युनिकेशन की डायरेक्टर तबस्सुम का मुझे कॉल आया और जिस दोस्ताना लहजे में उन्होंने बात किया, वह लाजवाब था। उसके बाद मैंने तैयारी शुरू कर दी और आखिरकार मुझे डेजल इवेंट्स में ताज हासिल हुआ। यह एक बेहतरीन यात्रा रही।
अर्चना भगत शेफर कहती हैं कि हर महिला को यह अपने सपने को सच करने के लिए किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होना चाहिए। सपने को सच करने की शुरुआत आप करें, कायनात आपका साथ देना शुरू कर देगी। आपकी इच्छाशक्ति और मेहनत सबसे अधिक मायने रखती है। हर परिवार चाहता है कि आप आगे बढ़ें। कोशिश तो आपको ही करनी होगी। अर्चना ने कहा कि सबसे याद रखने वाली बात यह है कि आप यदि एक्सक्यूज करती हैं, तो वो केवल खुद के साथ धोखा करती हैं। जीवन में सफलता का मंत्र यही है कि आप किसी पर दोषारोपण नहीं करें।