आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज द्वारा दाखिले से संबंधित वेबिनार का आयोजन
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: आत्मा राम सनातन धर्म महाविद्यालय ने 14 अगस्त को दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्र 2021-2022 के दाखिले से संबंधित वेबिनार का आयोजन किया। यह वेबिनार मुख्यरूप से प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित ज़रूरी जानकारी और छात्रों को आने या होने वाली परेशानियों के समाधान पर केन्द्रित रहा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ.विकास गुप्ता, डीन ऑफ़ एडमिशन प्रोफेसर पिंकी शर्मा, ज्वाइंट डीन ऑफ़ एडमिशन प्रोफेसर संजीव सिंह, डिप्टी डीन एडमिशन डॉ हनीत गाँधी, कॉलेज के प्राचार्य प्रोफसर ज्ञान्तोष कुमार झा, डिप्टी डीन कल्चर डॉ.अनामिका प्रसाद मौजूद थीं।
वेबिनार के आरंभ में कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर ज्ञान्तोष कुमार झा ने सबका स्वागत करते हुए छात्रों को बताया कि विषय का चयन करते हुए ध्यान रखें, बेस्ट फोर ठीक से कैलकुलेशन करें और कॉलेज की जगह पसंदीदा विषय को महत्व दें। उन्होंने कहा विशेष रूप से इनफार्मेशन बुलेटिन को ध्यान से पढ़ें और फॉर्म भरते समय किसी तरह की जल्दबाजी न करें।
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने मुख्य रूप से दो बातों की तरफ इशारा करते हुए कहा की अमूमन आज भी बहुत सारे छात्र ऐसे हैं जिन्हें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में कई तरह की दिक्कतें आती हैं।उनके पास इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा नहीं है। ऐसे सभी छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में आकर उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर का लाभ लेते हुए रजिस्ट्रेशन और एडमिशन का काम पूरा कर सकते हैं।
उन्होंने ने यह भी कहा कि हमारे छात्र एडमिशन के मामले में किसी के बहकाबे या झांसे में न आएं।विश्वविद्यालय का पूरा एडमिशन प्रोसेस ऑनलाइन है जिसका कोई गलत लाभ नहीं उठाया जा सकता है। एक बात और भी कही कि छात्र कैफेटेरिया के माध्यम से फॉर्म भरने और फी जमा करने से बचें। उससे कई तरह की दिक्कतें आती हैं ।
डीन ऑफ़ एडमिशन प्रोफेसर पिंकी शर्मा ने मेरिट बेस्ड एडमिशन और एंट्रेंस बेस्ड एडमिशन के बारे में विस्तार से समझाया और बताया कि इसमे किसी तरह की परेशानी आने पर छात्र सीधे सीधे विश्वविद्यालय हेल्प डेस्क और कॉलेजों के द्वारा स्थापित हेल्प डेस्क से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि छात्र अपने निजी मेल आई डी से फॉर्म भरें। इससे छात्र से संबंधित विवरण की पुष्टि आसानी से हो जाती है साथ ही छात्र के साथ विश्वविद्यालय और कॉलेज का प्रत्यक्ष संवाद बना रहता है। इसके आलावा उन्होंने SOLएसओएल,एन सी वेब की प्रवेश प्रक्रिया को भी विस्तार से समझाया। प्रोफेसर पिंकी शर्मा ने एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही कि जिन छात्रों का परीक्षा परिणाम अभी भी किसी वजह से नहीं आया या आना बाकी है वे रिजल्ट इन वेटिंग के रूप में फॉर्म भर सकते हैं लेकिन यह ज़रूरी है कि एडमिशन से चार दिन पहले उनका रिजल्ट आ जाए तो उन्हें एडमिशन लेने में दिक्कत नहीं आएगी।
ज्वाइंट डीन ऑफ़ एडमिशन प्रोफेसर संजीव सिंह ने बताया कि छात्र फॉर्म भरते समय किसी तरह की गलती करने से बचें और कोशिश करें कि वे फॉर्म स्वयं भर सकें। इसके लिए ज़रूरी है कि वे सेक्शन बाइ सेक्शन सभी डिटेल पहले से तैयार करके रखें ताकि फॉर्म को अंतिम रूप से भरते हुए तथा फी जमा करते हुए तथा डाक्यूमेंट्स अपलोड करते हुए कोई कमी न रह जाए।उन्होंने कहा कि छात्रों को अपना फॉर्म नंबर, मेल आई डी, पासवर्ड ज़रूर सुरक्षित रखें एडमिशन के दौरान इसकी ज़रूरत पड़ती है। अलग अलग फॉर्म भरने पर अलग अलग पेमेंट करना होगा।
डॉ. हनीत गाँधी ने रजिस्ट्रेशन से लेकर एडमिशन तक की पूरी प्रक्रिया को विजुअल प्रजेंटेशन के माध्यम से बताने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि छात्र ध्यान रखें कि एक मेल आई डी से एक ही फॉर्म स्वीकृत होंगे इसलिए अलग अलग फॉर्म भरते समय अलग मेल आई डी का प्रयोग करें। उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही कि रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरते समय छात्र अपना एग्जामिनेशन रोल नंबर बहुत ध्यान से भरें क्योंकि इसके माध्यम से डीजी लाकर के द्वारा आसानी से उनके मार्क्स शीट और सर्टिफिकेट वैरीफिकेशन हो जाता है।
डिप्टी डीन कल्चर डॉ. अनामिका प्रसाद ने ईसीए से जुडी प्रवेश प्रक्रिया तथा उनमे आने वाली सभी तरह की कठिनाइयों के बारे विस्तार से चर्चा की।उन्होंने कहा कि छात्र ईसीए के अपने बेस्ट फाइव सर्टिफिकेट ही अपलोड करें। इससे ज्यादा सर्टिफिकेट अपलोड करने पर फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है।
डॉ. विनीता तुली ने कॉलेज की तरफ से पी पी टी के द्वारा पूरी एडमिशन प्रक्रिया को विषय वार तरीके से विस्तार में प्रस्तुत किया जिससे छात्रों को बातें आसानी से समझ में आयीं। अंत में छात्रों से प्रश्न और उनकी जिज्ञासाएं आमंत्रित की गयी जिनका जवाब देते हुए उनकी कई समस्याओं के समाधान सामने आये।
जैसे एक छात्र ने पूछा कि क्या गैप ईयर की वजह से एडमिशन लेने में कोई परेशानी होगी ?इसका जवाब देते हुए पैनेल ने कहा कि गैप ईयर एडमिशन में कोई बाधा नहीं है।
एक अन्य छात्र ने पूछा कि –मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.एस.सी.कर रखा है क्या मैं पुनःकिसी अन्य कोर्स में एडमिशन ले सकता हूँ? उपलब्ध पैनल के अनुसार कोई भी छात्र किसी अन्य कोर्स में फिर से एडमिशन ले सकता है।
एक अन्य छात्र ने पूछा कि क्या किसी तरह की गलती के बाद हम दूसरा फॉर्म भर सकते हैं।जवाब देते हुए प्रोफेसर पिंकी शर्मा ने कहा कि आप अलग ई मेल आई डी से दूसरा फॉर्म भर सकते हैं लेकिन आपको फी दोबारा पे करनी होगी। एक अन्य छात्र का प्रश्न था कि फ़ीस पेमेंट करने के बाद भी मुझे कनफेर्मेशन मेल नहीं प्राप्त हुआ मैं क्या करूँ?
डॉ. हनीत गाँधी ने कहा कि आप अपने बैंक से बात करें पेमेंट होते ही आपको कांफेर्मेशन मिलती है ऐसे में हमेशा बैंक की तरफ से समस्या होती है।
महाराष्ट्र बोर्ड एक अन्य छात्र ने यह प्रश्न पूछा कि हमारे बोर्ड में कुछ ऐसे पेपर हैं जिनके नाम सी.बी.एस.बोर्ड से नहीं मिलते ऐसे में हम क्या करें?
प्रोफेसर पिंकी शर्मा ने कहा कि इसके लिए छात्रों को अपने स्कूल के प्रिंसिपल से एक लिखित में प्रमाण पत्र देना होगा कि उनके यहाँ के बोर्ड में मिलते जुलते पेपर कौन कौन से हैं जिन्हें एडमिशन के लिए स्वीकार किया जाए।
एक छात्र की जिज्ञासा थी कि उसने बारहवीं में कंप्यूटर की पढाई नहीं कि तो क्या वह कंप्यूटर साइंस ऑनर्स में एडमिशन ले सकता है? पैनेल का जवाब था कि आप मैथ्स के साथ एक भाषा और पी सी एम् सब्जेक्ट्स के साथ एडमिशन ले सकते हैं। एक छात्र ने पूछा कि क्या बेस्ट फोर में दो भाषा पेपर शामिल किये जा सकते हैं ?
पैनेल का मानना था अभी विश्वविद्यालय की तरफ से ऐसी कोई अनुमति नहीं मिली है। इसी तरह छात्रों के अन्य बहुत सारे प्रश्न थे वेबिनार पैनल ने जिनका समाधान दिया।