एक्सिस बैंक फाउंडेशन ने 24000 से अधिक विकलांग युवाओं के लिए रोज़गार के समावेशी के अवसर पैदा करने के लिए यूथ4जॉब्स के साथ साझेदारी का एक दशक पूरा किया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: एक्सिस बैंक फाउंडेशन (एबीएफ) ने देश के अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में विकलांग युवाओं को सशक्त बनाने, उन्हें वहनीय आजीविका के अवसर हासिल करने में मदद करने के लिए प्रशिक्षण और रोज़गार के अवसर प्रदान करने की दिशा में समर्पित प्रयास का एक दशक पूरा किया।
यूथ4जॉब्स (वाय4जे) के सहयोग से, एबीएफ ने 24000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया, जो मूक-बधिर थे, चलने-फिरने की विकलांगता और दृष्टि बाधा जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे थे। इस कार्यक्रम और साझेदारी के ज़रिये एबीएफ और वाईएफजे ने 60% की उल्लेखनीय प्लेसमेंट दर हासिल की है।
यह गठजोड़ वहनीय आजीविका कार्यक्रम को रेखांकित करता है, जो एक व्यापक कौशल विकास परितंत्र के ज़रिये रोज़गार के अवसरों को आगे बढ़ाने में युवाओं की मदद करता है।
इस साझेदारी के तहत एक कार्यक्रम – वाइज़ (वर्क इंटीग्रेटेड सॉफ्ट स्किल्स एंड इंग्लिश) विकसित किया गया, जो विकलांग युवाओं को कौशल, आत्मविश्वास और संगठित क्षेत्र में नौकरियां पाने की क्षमता हासिल के लिए तैयार करता है। वाइज़ कार्यक्रम इन युवाओं के लिए खुदरा, ई-कॉमर्स, आईटी, आतिथ्य और अन्य सेवा उद्योग जैसे मुख्यधारा के क्षेत्रों में पहुंच हासिल करने के लिए प्रवेश द्वार है। यह कार्यक्रम, व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने और प्लेसमेंट के उचित अवसरों की पहचान करने के अलावा, कार्यशालाओं के ज़रिये नियोक्ताओं को संवेदनशील बनाकर काम के समावेशी वातावरण को भी बढ़ावा देता है।
पिछले 10 साल में, कार्यक्रम के इस सामूहिक प्रयास से निम्नलिखित परिणाम मिले:
• कुल 958 नियोक्ताओं ने प्लेसमेंट प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लिया, और प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 24,000 से अधिक युवाओं में से 15,466 विकलांग युवाओं को काम पर रखा।
• खुदरा, आईटी और आतिथ्य जैसे प्रमुख क्षेत्रों ने सक्रिय रूप से प्रतिभागियों की भर्ती की है, जिनमें अमेज़न, इंफोसिस, जेआईओ, केएफसी, रिलायंस, शॉपर्स स्टॉप, ज़ोमैटो, एक्सेंचर आदि जैसी उल्लेखनीय कंपनियां शामिल हैं।
• 860 कार्यशालाओं के ज़रिये, 472 कंपनियों को समावेश के महत्व के बारे में जागरूक किया गया है, जिससे पहली-बार ऐसी नियुक्ति करने वाले नियोक्ताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
• कार्यक्रम का संचालन 2 राज्यों में 2 प्रशिक्षण केंद्रों से शुरू हुआ जो बढ़कर 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में परिचालित होने वाले 22 केंद्रों तक पहुंच गया।
• दो साल की कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, सभी बैचों प्लेसमेंट दर प्रभावशाली रही।
• कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से प्रतिभागियों की आय में 195% की वृद्धि दर्ज हुई।
इस परिवर्तनकारी यात्रा पर अपनी टिप्पणी में, एक्सिस बैंक फाउंडेशन की मुख्य कार्यकारी, ध्रुवी शाह ने कहा, “यूथ4जॉब्स फाउंडेशन के साथ दशक भर लंबी साझेदारी के तहत हम समावेशिता में एक साझा विश्वास से प्रेरित रहे हैं। हमने साथ मिलकर विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित करने और कौशल तथा आत्मविश्वास से लैस करने के लिए अपनी सामूहिक ताकत का उपयोग किया ताकि उनकी स्थिति में बदलाव तथा काम के माहौल के अनुभव को बेहतर जा सके और इसे अधिक समावेशी बनाया जा सके। सफलता की हर कहानी, हर व्यक्ति जिसे हमने सशक्त बनाया है, हमारी प्रतिबद्धता और भविष्य की असीम संभावनाओं को रेखांकित करता है।“