बाबा रामदेव ने भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी मांगी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को भ्रामक विज्ञापन मामले में अपने आदेश का पालन नहीं करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी।
बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हुए। इन दोनों से कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।
मामले में जारी नोटिस का जवाब देने में कंपनी की विफलता पर आपत्ति जताते हुए शीर्ष अदालत ने 19 मार्च को रामदेव और बालकृष्ण को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसने रामदेव को कारण बताओ नोटिस जारी करना उचित समझा क्योंकि पतंजलि द्वारा जारी विज्ञापन, जो 21 नवंबर, 2023 को अदालत को दिए गए वचन के अनुरूप थे, उनके द्वारा किए गए समर्थन को दर्शाते हैं।
अदालत ने अपने वादे का पालन नहीं करने के लिए कंपनी की कड़ी आलोचना की थी कि वह बीमारियों के इलाज का दावा करने वाले उत्पादों के विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगी।
रामदेव के वकील ने कहा, “अदालत से मेरी उपस्थिति और बिना शर्त माफी मांगने का अनुरोध करता हूं।” सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से कहा कि वह अपनी कंपनी द्वारा कोर्ट को दिए गए वादे का पालन करें।
अदालत ने कहा, “आपने हर बाधा तोड़ दी है। यह पूरी तरह से अवहेलना है। सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, देश भर की अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए।”