WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध पर बजरंग पुनिया ने कहा, ‘इस बार, सभी राजनीतिक दलों का स्वागत है’
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि इस बार डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए “सभी दलों का स्वागत है”।
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने सोमवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों का “स्वागत” है। एक बार फिर बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, साक्षी मलिक समेत शीर्ष भारतीय पहलवानों ने रविवार को नई दिल्ली के जंतर मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कथित रूप से महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।
“सभी दलों का स्वागत है, चाहे वह भाजपा हो, कांग्रेस हो, आम आदमी पार्टी हो या कोई अन्य पार्टी। जब हम पदक जीतते हैं तो हम किसी पार्टी का झंडा नहीं बल्कि भारत का झंडा लहराते हैं। जब हम पदक जीतते हैं, तो हर कोई हमें बधाई देने के लिए आगे आते हैं न कि सिर्फ एक पार्टी। और न ही हम किसी एक पार्टी से जुड़े हैं। हम इस देश का हिस्सा हैं और सभी भारतीयों का विरोध में शामिल होने के लिए स्वागत है। अगर हम देश की महिलाओं के लिए नहीं लड़ेंगे तो हम किसी भी चीज के खिलाफ नहीं लड़ सकते,” बजरंग ने जंतर मंतर पर मीडिया से कहा।
जनवरी में महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर बैठने के तीन महीने बाद पहलवान जंतर-मंतर लौट आए। पहलवान रविवार को फिर धरने पर बैठे और दावा किया कि उनसे किए गए वादे पूरे नहीं किए गए और आश्वासन के बावजूद उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं।
पुनिया की यह टिप्पणी जनवरी में पहलवानों के विरोध का समर्थन करने आई माकपा नेता बृंदा करात को मंच से नीचे उतरने के लिए कहने के बाद आई है। तब पहलवानों ने कहा था कि वे विरोध को राजनीतिक नहीं बनाना चाहते। कई पहलवानों ने जनवरी में विरोध के समय कहा था कि किसी भी राजनेता को मंच पर बोलने नहीं दिया जाएगा।
पहलवानों का समर्थन करने पहुंचे ओलंपिक पदक विजेता बॉक्सर जो कि अब कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं, को भी पहलवानों ने मंच पर बैठने नहीं दिया था। पुनिया ने तब कहा था, “हम नहीं चाहते कि विरोध राजनीतिक रूप ले।”
इस बीच, एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि दिल्ली पुलिस ने आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से एक रिपोर्ट मांगी है।
अधिकारी ने कहा कि अब तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ सात शिकायतें मिली हैं और उन सभी की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुख्ता सबूत सामने आने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जायेगी। जांच का नेतृत्व डीसीपी (नई दिल्ली) प्रणव तायल कर रहे हैं।