बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी को लगाई फटकार, कहा कंगना का बंगला तोड़ना विद्वेषपूर्ण कारवाई
चिरौरी न्यूज़
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रानौत के बांद्रा पाली हिल स्थित मणिकर्णिका बंगले को बीएमसी द्वारा तोड़े जाने के को विद्वेषपूर्ण कारवाई कहा है। आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुंबई महानगरपालिका को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि बीएमसी को कारवाई क़ानून के दायरे में रहकर करनी चाहिए।
न्यायमूर्ति एस जे काठवाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ ने कहा कि नागरिक निकाय द्वारा की गई कार्रवाई अनधिकृत थी और इसमें कोई संदेह नहीं है। अदालत ने कहा, ‘मूल्यांकन अधिकारी मार्च 2021 तक मुआवजे पर उचित आदेश पारित करेगा।”
कंगना ने अपना बंगला तोड़े जाने के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और नुकसान के लिए दो करोड़ रुपए का मुआवजा भी मांगा था।
कोर्ट ने आदेश के दौरान कहा कि वह कंगना द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से सहमत नहीं हैं लेकिन राज्य एक नागरिक के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं कर सकता हैं। याचिकाकर्ता (कंगना) को अपने विचार पब्लिक प्लेटफॉर्म पर करते वक्त बचना चाहिए। राज्य को किसी व्यक्ति द्वारा बोले गए गैरजिम्मेदारा बयान को नजरअंदाज करना चाहिए।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कंगना द्वारा मुंबई को पीओके जैसा बताने के बाद यह कार्यवाई हुई, ऐसा सामना अखबार में छपे लेख और शिवसेना नेता संजय राउत के बयान से प्रतीत होता है।
बॉम्बे हाई कोर्ट का ये फैसला कंगना रनोत की जीत और बीएमसी और शिवसेना सरकार की हार के रूप में देखा जा रहा है। कंगना बॉम्बे हाइकोर्ट के फैसले से खुश हैं। उन्होंने कहा, “जब कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीत हासिल करता है, तो यह व्यक्ति की जीत नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जीत है। आप सभी को धन्यवाद जिन्होंने मुझे हिम्मत दी और उन लोगों को भी धन्यवाद जो मेरे टूटे सपनों पर हंसे। इसका एकमात्र कारण है कि आप एक खलनायक की भूमिका निभाते हैं, इसलिए मैं एक हीरो हो सकती हूं।”