दक्षिण कोरिया को आम निर्यात बढ़ाने के लिये क्रेता-विक्रेता की वर्चुअल बैठक आयोजित

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली:  दक्षिण कोरिया को आम का निर्यात बढ़ाने के प्रयासों के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (अपेडा) ने सियोल स्थित भारतीय दूतावास और इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स, कोरिया (आईसीसीके) के सहयोग से वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक (वीबीएसएम) का आयोजन किया।

अपेडा, भारतीय दूतावास, आईसीसीके के आला अधिकारियों, भारत के निर्यातकों और दक्षिण कोरिया के आयतकों ने कल वीबीएसएम में हिस्सा लिया।

कोविड-19 महामारी के मौजूदा दौर के मद्देनजर निर्यात प्रोत्साहन कार्यक्रम का पारंपरिक आयोजन संभव नहीं था। अपेडा ने पहल करते हुये वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया, ताकि भारत के आम निर्यातक और दक्षिण कोरिया के आयातक एक प्लेटफार्म पर इकट्ठा होकर बातचीत कर सकें।

इस माह की शुरुआत में, इस मौसम में पहली बार भारत ने भौगोलिक संकेतक (जीआई) मार्का आम बनगनपल्ली और सुवर्णरेखा की अन्य किस्मों की ढाई मीट्रिक टन मात्रा दक्षिण कोरिया को निर्यात की थी। ये आम आंध्रप्रदेश के कृष्णा और चित्तूर के किसानों से प्राप्त किये जाते हैं।

यह पहला निर्यात था, जिसे आईकेएसईजेड ने किया था। यह इफको की सहायक कंपनी है। विदित हो कि इफको बहु-राज्यीय संस्था है, जिसमें 36,000 सहकारितायें सदस्य हैं। इस मौसम में दक्षिण कोरिया को और आम निर्यात करने की संभावनायें हैं। इफको किसान एसईजेड का दक्षिण कोरिया के मीजाइम के साथ अनुबंध है, जिसके तहत इस मौसम में 66 मीट्रिक टन आम का निर्यात किया गया। आंध्रप्रदेश बागवानी विभाग भी इस प्रयास में हाथ बंटा रहा है।

दक्षिण कोरिया को भेजे जाने वाले आमों को आंध्रप्रदेश एग्रो इंटीग्रेटेड पैकहाउस एंड वीएचटी सिस्टम, तिरुपति में प्रसंस्कृत किया जाता है। इस इकाई को अपेडा द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त है, ताकि इस क्षेत्र से ताजा फल और सब्जियों का निर्यात हो सके।

पैकिंग हाउस से लगभग 400 मीट्रिक टन ताजा फलों और सब्जियों का निर्यात किया गया है। भारत के दक्षिणी राज्यों के उत्पादों को इस पैकिंग हाउस के जरिये यूरोपीय संघ और गैर यूरोपीय देशों को निर्यात किया जाता है। इसके अलावा इन उत्पादों को इंग्लैंड, आयरलैंड, मध्य पूर्व देशों, आदि को भी भेजा जाता है।

भारत में आम को ‘फलों का राजा’कहा जाता है। प्राचीन ग्रंथों में इसके पेड़ को कल्पवृक्ष कहा गया है। भारत के ज्यादातर राज्यों में आम की पैदावार होती है, जिनमें उत्तरप्रदेश, बिहार, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक का हिस्सा सबसे ज्यादा है।

अल्फांसो, केसर, तोतापुरी और बनगनपल्ली आमों का भारत से सबसे ज्यादा निर्यात होता है। आम निर्यात में तीन तरह के आम शामिल हैं – ताजा आम, आम का गूदा और आम की फांक।

आमों का प्रसंस्करण अपेडा द्वारा पंजीकृत पैकहाउस सुविधाओं में होता है और उसके बाद विभिन्न क्षेत्रों व देशों को निर्यात किया जाता है, जैसे मध्य पूर्व, यूरोपीय संघ, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया।

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