चार्टर्ड अकाउंटेंट सचिन जैन ने दर्ज कराई धोखाधड़ी की शिकायत, घर रिनोवेशन कंपनी के अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

Chartered Accountant Sachin Jain filed a complaint of fraud, made serious allegations against the officials of the home renovation company
(Photo only for representational/ Credit: berkshirerealtors)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: मालवीय नगर निवासी और चार्टर्ड अकाउंटेंट सचिन जैन ने दिल्ली पुलिस में मेसर्स हमारा घर से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी की शिकायत दर्ज कराई है। आर के पुरम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

पुलिस को दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि पेशे से सीए सचिन जैन की परेशानी फरवरी 2023 में शुरू हुई, जब मेसर्स हमारा घर की सीईओ आभा जांगड़ा ने उनसे उनकी प्रॉपर्टी के निर्माण को लेकर संपर्क किया। आभा जांगड़ा और राजन जांगड़ा ने सचिन जैन को कंपनी की साख का भरोसा दिलाया और उन्हें कई निर्माण परियोजनाओं का प्रदर्शन किया।

लंबी चर्चा के बाद, फरवरी के अंत में एक निर्माण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और सचिन जैन ने मेसर्स हमारा घर के बैंक खाते में 34.20 लाख रुपये की अग्रिम राशि ट्रांसफर कर दी। हालांकि, जैन को बाद में पता चला कि उनकी प्रॉपर्टी पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है, जिससे उन्हें भारी मानसिक कष्ट और वित्तीय हानि हुई।

पुलिस शिकायत में सचिन जैन की ओर से यह कहा गया है कि मेसर्स हमारा घर द्वारा दिखाए गए निर्माण कार्य कंपनी से संबंधित नहीं थे। इसके अलावा, कालू सराय, नई दिल्ली की जमीन के टाइटल दस्तावेज फर्जी थे और जानबूझकर गुमराह करने के लिए प्रस्तुत किए गए थे। जैन की आगे की जांच में कंपनी के जीएसटी पंजीकरण और प्रोजेक्ट्स के दावों में भी कई विसंगतियां सामने आईं।

इस मामले में शामिल एक अन्य व्यक्ति, जिसे आम आदमी पार्टी से अब निष्काषित कर दिया गया है, रणवीर सिंह चंदेला ने पार्टी का नाम बताकर राजनीतिक संरक्षण की शंका को और भी बढ़ा दिया। धोखा महसूस करने के बाद, जैन ने चंदेला से संपर्क किया, जिन्होंने पहले अग्रिम राशि वापस करने का वादा किया, लेकिन रिफंड की प्रक्रिया में कई झूठे कारण, देरी और बाउंस चेक सामने आए। बताया जाता है कि रणवीर सिंह चंदेला ही हमारा घर कंपनी के मालिक हैं।

इस पूरे मामले पर शिकायतकर्ता सचिन जैन ने कहा, “हमारा घर एक धोखाधड़ी वाली फर्म है और उन्होंने कई लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने अपनी वेबसाइट पर भी बहुत सी भ्रामक जानकारी डाली है। हमारे जैसे कई लोगों को विभिन्न स्थानों पर धोखा दिया गया है और वे विभिन्न राज्य पुलिस द्वारा जांच के दायरे में हैं। जब उनसे पूछताछ की जाती है तो वे लोगों को कई मामलों और अन्य चीजों की धमकी देते हैं। हमारी एफआईआर में भी देरी हुई क्योंकि उन्होंने पुलिस से कहा कि वे अदालत के बाहर समझौता करेंगे।”

सचिन जैन ने पुलिस से अपील की है कि आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, ठगी, और आपराधिक विश्वासघात जैसे अपराधों के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। जैन अब कानूनी सहायता के माध्यम से अपना पैसा वापस पाने और आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले ने धोखाधड़ी के एक जटिल और संगठित षड्यंत्र का पर्दाफाश किया है, जिसमें फर्जी निर्माण परियोजनाएं दिखाकर, जीएसटी पंजीकरण में हेरफेर करके और राजनीतिक संबंधों का दुरुपयोग करके पीड़ितों को डराया-धमकाया गया है।

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