सीओएआई ने किया आरओडब्ल्यू और स्पेक्ट्रम पर ट्राई की महत्वपूर्ण सिफारिशों का स्वागत
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार उद्योग की शीर्ष संस्था सीओएआई ने विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा की गई सिफारिशों का स्वागत किया है। इन सिफारिशों में शामिल हैं प्रस्तावित राष्ट्रीय आरओडब्ल्यू पोर्टल, कॉमन डक्ट्स को बिछाने में तेजी लाने के लिए पांच साल तक आरओडब्ल्यू शुल्क से छूट, विभिन्न विभागों और केंद्रीय एजेंसियों की अधिक भागीदारी के साथ आरओडब्ल्यू मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाना, एकसमान रिस्टोरेशन शुल्क, मिड-बैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी और बैकहॉल स्पेक्ट्रम का आवंटन। ट्राई की ये सिफारिशें 4जी सेवा और उसके इंफ्रास्ट्रक्चर को अधिक मजबूत बनाएंगी एवं भारत में 5जी टेक्नोलॉजी के कार्यान्वयन में तेजी लाएंगी।
आरओडब्ल्यू मुद्दों के समाधान के लिए ट्राई द्वारा मजबूत कदम उठाने की बहुत आवश्यकता है। अगले पांच वर्षों – वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2027-28 तक – के लिए आरओडब्ल्यू शुल्क में छूट देने की सिफारिश से टीएसपी के लिए इसे बिछाने की कुल लागत में बहुत अधिक कमी आएगी। राष्ट्रीय आरओडब्लयू पोर्टल पर की गई सिफारिश भारतीय दूरसंचार उद्योग के लिए एक बहुत बड़ा कदम है। यह निर्णय लेने में पारदर्शिता लाएगा और सेवा में विस्तार को भी बढ़ावा देगा।
रिस्टोरेशन शुल्क के मामले में, ट्राई ने सिफारिश की है कि केंद्र सरकार ओपन ट्रेंच और पिट के लिए एकसमान रिस्टोरेशन शुल्क के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर काम करे। हमारा मानना है कि इससे लागू शुल्कों में स्पष्टता सुनिश्चित होगी और टीएसपी के लिए लागत बोझ भी कम होगा।
ट्राई की एक और सिफारिश है कि एकल खुदाई पॉलिसी को लागू किया जाए और खुदाई करने से पहले सूचना देना अनिवार्य बनाया जाए। इस संबंध में, ट्राई ने सिफारिश की है कि भूमिगत बुनियादी ढांचे के आकस्मिक नुकसान के कारण सेवाओं में बार-बार आने वाली रुकावट से बचने के लिए, प्रत्येक सेवा प्रदाता को आरओडब्ल्यू अनुमति के लिए उपयुक्त प्राधिकार के पास आवेदन करने से पहले उस क्षेत्र में काम कर रहे अन्य सेवा प्रदाता को अपनी खुदाई योजनाओं के बारे में सूचित करना चाहिए, जहां वह खुदाई करने वाले हैं। यह सिफारिश बार-बार फाइबर के कटने की समस्या का समाधान करने में और उद्योग को दोबारा फाइबर लाइन बिछाने की लागत में बचत प्रदान करने में मदद करेगी।
ट्राई की सिफारिशों पर बोलते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल डा. एसपी कोचर, महानिदेशक, सीओएआई ने कहा, “हम राष्ट्रीय आरओडब्ल्यू पोर्टल, अगले पांच साल के लिए आरओडब्ल्यू शुल्क से छूट, मिड-बैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी, एमएम वेव रेंज का आवंटन और टीपीएस को बैकहॉल स्पेक्ट्रम सौंपने पर ट्राई की सिफारिशों का स्वागत करते हैं। यह कदम भारत की 4जी सेवा और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने एवं निकट भविष्य में भारत में 5जी सेवा को सुचारू रूप से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त करने में एक लंबा सफर तय करेंगे। हमें पूरा भरोसा है कि ट्राई द्वारा दिए गए सुझावों पर केंद्र सरकार द्वारा विधिवत विचार किया जाएगा और इन्हें लागू किया जाएगा।”
भारत को 5जी के लिए शीघ्र तैयार करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए, उपलब्ध मिड-बैंड स्पेक्ट्रम- 3300 मेगाहर्ट्ज से 3600 मेगाहर्ट्ज – की नीलामी में तेजी लाने और आईएमटी-2020 उद्देश्य के लिए एमएम-वेव रेंज में स्पेक्ट्रम के आवंटन पर ट्राई के सुझाव ब्रॉडबैंड सेवाओं के विविधीकरण के लिए स्पेक्ट्रम की उपलब्धता को बढ़ाएंगे। इसके अतिरिक्त, मांग पर बैकहॉल स्पेक्ट्रम और टीएसपी को इसका समयबद्ध तरीके से आवंटन के लिए दिया गया सुझाव, सेलुलर नेटवर्क की बैकहॉल कनेक्टिविटी में क्षमता की कमी को दूर करने में मदद करेगा, जो ब्रॉडबैंड की पहुंच और क्षमता में वृद्धि करने में मददगार होगा।
दूरसंचार उद्योग वित्तीय रूप से मजबूत बना रहे यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है। उद्योग के वित्तीय स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना होगा और ट्राई की इन सिफारिशों से निवेश अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए उद्योग की वित्तीय व्यवहार्यता को बढ़ावा मिलेगा। 5जी में प्रत्येक उद्योग जैसे विनिर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन, रियल एस्टेट आदि के लिए भविष्य का पसंदीदा संचार माध्यम बनने की क्षमता है। अपनी अंतर्निहित क्षमताओं के माध्यम से, 5जी फिक्स्ड वायरलेस हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क के अलावा नए युग की टेक्नोलॉजी जैसे आईओटी, एम2एम, एआई, एआर, वीआर और ब्लॉकचेन के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसलिए, हम सिफारिशों के लिए ट्राई के आभारी हैं और देश में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए ट्राई के साथ मिलकर निरंतर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराते हैं।