भारत के मोबाइल प्रसारण क्षेत्र के लिए क्रांतिकारी पहल साबित होगी डी2एम तकनीक 

D2M technology will prove to be a revolutionary initiative for India's mobile broadcasting sector.चिरौरी न्यूज

  • नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में मंगलवार को आयोजित होने जा रहे 5जी ब्रॉडकास्ट समिट में तकनीक को बढ़ावा देने के सभी पहलुओं पर होगा मंथन
  • आईआईटी कानपुर और सांख्य लैब्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होगा समिट
  • यह अभूतपूर्व स्वदेशी तकनीक ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ को भारत के प्रौद्योगिकी परिदृश्य को सफल बनाने के दृष्टिकोण के है अनुरूप

नई दिल्ली: मानव जीवन में तकनीक की भूमिका अति महत्वपूर्ण है और समय के साथ-साथ इसकी आवश्यकता भी बढ़ रही है, लिहाजा हमें तकनीक क्षेत्र में नए-नए बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं। इसी क्रम में डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) 5जी मोबाइल प्रसारण परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है।

दरअसल, इस क्रांतिकारी परिवर्तन के तहत हम बिना इंटरनेट के भी मोबाइल पर अपने पसंदीदा कार्यक्रमों को लाइव देख सकेंगे। इस नई तकनीक के आने के बाद वीडियो प्रसारण में जबरदस्त क्रांति आएगी, क्योंकि इसके लिए इंटरनेट की अनिवार्यता पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। एक तरफ, जहां इस तकनीक से इंटरनेट ट्रैफिक में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं के लिए भी इंटरनेट प्लान की अनिवार्यता भी समाप्त हो जाएगी। चूंकि आज मोबाइल पर 70 से 80 प्रतिशत डाटा वीडियो फार्म में होता है, इसलिए वीडियो प्रसारण में डीटूएच उपयोगिता और अधिक बढ़ जाएगी। इसके साथ ही जिस प्रसारण को लोग बड़ी संख्या में देखते अथवा सुनते हैं उनके लिए डी2एम बहुत उपयोगी साबित होगा। जैसे क्रिकेट मैच का सीधा प्रसारण, प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संदेश मोबाइल पर देखने अथवा सुनने में इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी। जिस तरह हम टीवी पर बिना नेट के सभी प्रसारण देखते हैं, उसी तरह चिप की मदद से मोबाइल काम करेगा।

प्रसार भारती, आईआईटी कानपुर और सांख्य लैब्स द्वारा तैयार किए गए इस पायलट प्रोजेक्ट का दिल्ली में ट्रायल चल रहा है और आगामी मंगलवार को इंडिया हैबिटेट सेंटर में 5जी ब्रॉडकास्ट शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य मोबाइल प्रसारण क्षेत्र में  डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) प्रसारण को बढ़ावा देने के लिए ठोस कार्रवाइयों पर विचार-विमर्श करना है।

यह अभूतपूर्व स्वदेशी तकनीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ को भारत के प्रौद्योगिकी परिदृश्य को सफल बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।इस शिखर सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधियों को भारत के प्रौद्योगिकी परिदृश्य पर नीति विशेषज्ञों और सिविल सेवकों से प्रत्यक्ष अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का बहुमूल्य अवसर मिलेगा कि कैसे डी2एम तकनीक आत्मनिर्भर भारत की शक्ति के प्रतीक के रूप में उभरी है।

जानकारों के अनुसार मोबाइल प्रसारण में क्रांति लाने की

डी2एम तकनीक क्षमता अभूतपूर्व है, जिसकी समझ को बढ़ाने की दृष्टि से शिखर सम्मेलन ब्रॉडबैंड और 5जी के साथ इसके निर्बाध एकीकरण पर जोर देता है, जो एक अरब से अधिक मोबाइल उपकरणों के लिए एक से अधिक कई सामग्री वितरण प्रणाली की पेशकश करता है। सांख्य लैब्स और आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित डी2एम प्रसारण तकनीक वीडियो, ऑडियो और डेटा सिग्नल को सीधे मोबाइल और स्मार्ट उपकरणों तक प्रसारित करने के लिए स्थलीय दूरसंचार बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सार्वजनिक प्रसारक द्वारा निर्दिष्ट स्पेक्ट्रम का लाभ उठाती है।
एक अरब से अधिक मोबाइल उपकरणों तक पहुंचने की क्षमता के साथ, डी2एम प्रौद्योगिकी को अपनाने से परिवर्तनकारी लाभ मिलेगा, जिसके तहत इनमें डेटा ट्रांसमिशन और पहुंच में लागत में कमी, नेटवर्क दक्षता और लचीलेपन में सुधार के अलावा संभावित रूप से एक राष्ट्रव्यापी आपातकालीन चेतावनी प्रणाली की स्थापना भी शामिल है।

शिखर सम्मेलन में शेरपा जी20 और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत, सलाहकार पीएमओ तरुण कपूर, सूचना और प्रसारण के सचिव अपूर्व चंद्रा मुख्य रूप से हिस्सा लेंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन, दूरसंचार विभाग के सचिव नीरज मित्तल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर के साथ ही प्रसारण और दूरसंचार क्षेत्रों के नीति विशेषज्ञ और उद्योग प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।

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