रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने खोला चीन की साजिश का राज
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: आज लोकसभा में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई झड़प के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री ने संसद में कहा कि भारत-चीन सीमा पर पारंपरिक सीमांकन को चीन स्वीकार नहीं करता है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच तनाव है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा विवाद एक गंभीर मुद्दा है। इसका शांतिपूर्ण बातचीत से ही हल निकलेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सहमति बनी है कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान और कड़ाई से उसका पालन करना चाहिए, किसी भी पक्ष को यथास्थिति के उल्लंघन का प्रयास नहीं करना चाहिए और दोनों पक्षों को सभी समझौतों का पालन करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि हमारी सेना के हौसले बुलंद हैं और सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है। भारत ने चीन को अवगत कराया है कि भारत-चीन सीमा को जबरन बदलने का प्रयास अस्वीकार्य है और ऐसी किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है। उन्होंने कहा है कि भारत ने भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की है। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं।
रक्षा मंत्री ने लोकसभा में बताया कि चीन ने मई महीने में कई बार घुसपैठ की कोशिश की जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि 15 जून को गलवान घाटी में झड़प हुई जिसमें हमारे वीर जवानों ने चीनी सैनिकों का बहादुरी से सामना किया और शहीद हुए। चीन को भी भारी नुक्सान उठाना पड़ा। इसके बाद भी मई महीने में चीनी सैनिकों ने एलएसी पर कई इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की जिसे हमारी सेना ने विफल कर दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि लद्दाख में हमारी 38,000 वर्ग किलोमीटर की जमीन अवैध कब्जे में है। 1988 के बाद से दोनों देशों में द्विपक्षीय वार्ता के लिए संबंध सुधरे और वार्ता शुरू हुई। 1993 और 1996 में यह समझौता हुआ कि जब तक दोनों देश सीमा संबंधी विवाद को सुलझा नहीं लेते वे एलएसी का सम्मान करेंगे और यहां कम से कम सेना तैनात करेंगे। लेकिन 2003 के बाद से चीन ने अपने रवैये में परिवर्तन कर लिया और वह अब एलएसी के सम्मान को लेकर प्रतिबद्ध नहीं है जिसके कारण कई जगहों पर फ्रिक्शन की स्थिति बन रही है।
कांग्रेस का वाकआउट
रक्षा मन्त्री के जवाब से संतुष्ट न होकर कांग्रेस ने उनसे प्रश्न पूछने का समय माँगा जिसे लोकसभा स्पीकर ने नामंजूर कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में सहमति बनी है कि जब किसी लोक महत्व के विषय पर मंत्री द्वारा बयान दिया जाएगा तो उस पर कोई प्रश्न नहीं पूछा जाएगा। सवालों के जवाब नहीं दिये जाने पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।