दिल्ली विश्वविद्यालय: सत्यवती कॉलेज इवनिंग में ओएसडी की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी पर कुलपति को दिया गया ज्ञापन

Aam Aadmi Party unit AADTA and CYSS expressed serious concern over the problems faced by students in DU admissionचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: AADTA के ईसी मेम्बर, एसी मेम्बर और DUTA एग्जीक्यूटिव ने सत्यवती कॉलेज इवनिंग में ओएसडी की नियुक्ति के मामले में वैधानिक उल्लंघन के संबंध में प्रोफेसर योगेश सिंह, कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय को पत्र लिखा है।

AADTA के ईसी मेम्बर, एसी मेम्बर और DUTA एग्जीक्यूटिव का आरोप है कि सत्यवती कॉलेज इवनिंग में ओएसडी की नियुक्ति के मामले में निम्नलिखित वैधानिक उल्लंघन हुए हैं:

1. अध्यादेश XVIII -7-3 के अनुसार, जिस भी कॉलेज में कोई वाईस प्रिंसिपल नहीं है, वहां प्रिंसिपल के कार्यालय में अचानक रिक्ति हुई पोस्ट के मामले में वरिष्ठतम शिक्षक ही प्रिंसिपल के रूप में कार्य करेगा।

2. सत्यवती कॉलेज इवनिंग में, सबसे वरिष्ठ शिक्षक ही छह महीने के कार्यकाल के कई विस्तार के साथ कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में काम कर रहे है और उनकी बिना किसी नोटिस के अचानक हटाया जाना मनमाना, सत्तावादी और उसके प्राकृतिक अधिकारों का उल्लंघन है।

3. अध्यादेश XVIII -7-3 (सी) के अनुसार, “जहां परिस्थितियां जरूरी हों’, गवर्निंग बॉडी ओएसडी के रूप में नियुक्ति के लिए एक उम्मीदवार की मंजूरी के लिए वीसी को कम से कम तीन नामों का एक पैनल भेजेगी। लेकिन, इस मामले में, जीबी ने न तो यह बताया है कि किस लिये अचानक से ओएसडी की आवश्यकता है और न ही वीसी से अनुमोदन के लिए ‘कम से कम तीन नामों का पैनल’ भेजा है। कॉलेज के जीबी के अलावा किसी अन्य प्राधिकारी से स्वत: संज्ञान कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं है।

4. इसका गंभीर नियामक पहलू भी है क्योंकि यह उस कॉलेज के सभी वरिष्ठतम शिक्षकों की क्षमता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, कॉलेज में जिन के पास योग्यता है उन सभी को अवसर से वंचित क्यों किया जाना चाहिए?

“ओएसडी की नियुक्ति को एक आपातकालीन प्रावधान के रूप में स्वीकार करना चाहिए, जिसका उपयोग किसी बाहरी दबाव से प्रभावित हुए बिना,अत्यंत असाधारण व गंभीर परिस्थितियों में ही पूरी सावधानी से किया जाना चाहिए।  अन्यथा यह डीयू अधिनियम 1922, क़ानून और अध्यादेशों में प्रदान की गई कॉलेजों की स्वायत्तता का जानबूझकर अतिक्रमण साबित होगा,” पत्र में कहा गया।

“अत: ऐसी स्थिति में ओएसडी की नियुक्ति अवांछनीय एवं अनुचित है। हम आपसे कॉलेज जीबी के वैधानिक क्षेत्राधिकार को यथास्थिति बनाए रखने का अनुरोध करते हैं।“

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