डीयू में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों के समायोजन की मांग, डूटा का जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

Demand for adjustment of ad-hoc teachers working in DU, demonstration of DUTA at Jantar Mantarचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों एव विभागों में कार्य कर रहे तदर्थ शिक्षकों के समायोजन की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने संसद भवन (जंतर-मंतर) पर धरने का आयोजन किया। धरने में हजारों की संख्या में शिक्षकों ने हिस्सा लिया। डूटा अध्यक्ष प्रो. ए के भागी एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ-साथ सांसद रमेश बिधूड़ी एवं राकेश सिन्हा ने भी धरने को संबोधित किया।

दोनों सांसदों ने शिक्षकों को आश्वासन देते हुए कहा कि वे तदर्थ शिक्षकों की जायज मांग को संसद में उठाने के साथ-साथ भारत सरकार के शिक्षा मंत्री के समक्ष भी उठाएंगे। सांसद रमेश बिधूड़ी ने शून्य काल में इस मुद्दे को उठाने का आश्वासन दिया। सांसद डॉ राकेश सिन्हा ने तदर्थ शिक्षकों इस गंभीर मुद्दें के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही। डॉ सिन्हा संसद में तदर्थ शिक्षकों की मांग को हमेशा मुखरता से उठाने के साथ-साथ डूटा के आंदोलन एवं गतिविधियों में भी सक्रिय रहे है।

धरने को संबोधित करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो ए के भागी ने कहा ‘कि दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का समायोजन शिक्षकों के समानता, आत्मसम्मान, लैंगिक समानता एवं उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगा। प्रोफ़ेसर भागी ने सरकार से डीओपीटी के नियम एवं 200 पॉइंट्स रोस्टर को ध्यान रखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय में तदर्थ शिक्षकों के समायोजन की मांग की। दिल्ली विश्वविद्यालय में विगत प्रशासन ने कई सालों से नियुक्तियों को रोककर तदर्थवाद को बढ़ावा दिया, जबकि देशभर के अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां हो रहीं थी।’डूटा ने विसंगति समिति की रिपोर्ट जारी करने, प्रोफ़ेसरशिप के लिए एपीआई में रियायत, पुरानी पेंशन की बहाली एवं शिक्षकों के ईडब्ल्यूएस आरक्षण की सीटें जारी करने की मांग की।

डूटा सचिव डॉ सुरेंद्र सिंह ने कुछ कॉलेजों के प्रिंसिपलों द्वारा शारीरिक शिक्षा संबंधी मुद्दों को लेकर खडी की जा रही अड़चनों के मुद्दे को उठाया। डूटा के पूर्व अध्यक्ष डॉ आदित्य नारायण मिश्रा, डॉ नंदिता नारायण एवं राजीव रे ने भी धरने को संबोधित किया उन्होंने 15 सालों में दिल्ली विश्वविद्यालय में तदर्थवाद को बढ़ावा देने के लिए पिछली सरकार की आलोचना की।

धरने को डूटा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, तदर्थ शिक्षकों एवं अकादमिक और कार्यकारी परिषद के निर्वाचित सदस्यों ने भी संबोधित किया। प्रोफ़ेसर वी एस नेगी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में तदर्थवाद को बढ़ावा देने के लिए पिछले वाईस चांसलर को जिम्मेदार बताया। डॉ सीमा दास ने कहा कि हमें पिछले सालों में हुई गलतियों को भूलकर सकारात्मक दिशा में परिणाम के लिए कार्य करने चाहिए।

धरने के समाप्त होने के बाद डूटा अध्यक्ष प्रोफ़ेसर ए के भागी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विनीत जोशी से मिला और उन्हें अपना मांगपत्र सौंपा।

डूटा इससे पूर्व दिल्ली विश्वविद्यालय के विजिटर महामहिम राष्ट्रपति को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप को लेकर 10 हजार से अधिक शिक्षकों के हस्ताक्षर वाली ऑनलाइन पिटीशन भी जमा कर चुका है।

 

 

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