अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने का काम हुआ तेज़
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: अफगानिस्तान की हालात बड़े ही तेज़ी के साथ बदतर होती जा रही है। खूंखार तालिबानी दरिन्दे औरतों और बच्चों तक को अपने जुल्म का शिकार बना रहे हैं। काबुल से आज भारत पहुंचे 168 लोगों में अफगानिस्तान के सिख सांसद नरेन्द्र सिंह खालसा ने ये सारी बातें हिंडन एयरपोर्ट पर पहुँचने के बाद बताई है। नरेंद्र सिंह खालसा ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से लोगों को रेस्क्यू करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय वायु सेना को धन्यवाद दिया है।
वहीँ दूसरी तरफ काबुल से भारतीय नागरिकों को लेकर तीन निजी उड़ानें-एयर इंडिया, विस्तारा और इंडिगो रविवार सुबह इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट टर्मिनल 3 पर उतरीं। इसके साथ ही दो सौ से अधिक भारतीय नागरिक सकुशल घर पहुंच गए।
सुखविंदर सिंह जो काबुल में अमेरिकी दूतावास में काम करते हैं ने बताया कि काबुल की सड़कों पर अराजकता जैसी स्थिति है और सभी अफगानिस्तान छोड़ने की जल्दी में हैं।
उन्होंने कहा कि 14 अगस्त की रात को भारतीय दूतावास के एक अधिकारी के हस्तक्षेप से स्थिति बिगड़ने पर उन्हें निकाला गया था। उसने कहा कि वह तब से दोहा में रह रहे थे। उन्होंने कहा, वहां फंसे अधिकांश लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
सुखविंदर सिंह पंजाब के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि काबुल में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया। कई बार ऐसा लगा कि मैं घर नहीं लौट पाऊंगा। कोई उम्मीद नहीं बची थी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह काम के लिए फिर से काबुल लौटेंगे, उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत सरकार के साथ अफगानिस्तान के संबंध कैसे बने रहते हैं।
काबुल में यूएई दूतावास में काम करने वाले प्रवीण सिंह ने कहा कि वह कभी भी वापस जाने के बारे में नहीं सोचेंगे क्योंकि वहां उन्होंने जो दर्दनाक और जानलेवा अनुभव किया, वह भयावह है।