“एवरी डॉग हैज अ डे”: कुत्ते की कस्टडी किचकिच के कारण महुआ मोइत्रा का राजनीतिक करियर दांव पर
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस की फायरब्रांड सांसद महुआ मोइत्रा आजकल गलत कारणों (?) से चर्चा में हैं। महुआ के खिलाफ बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि टीमसी सांसद ने दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के व्यावसायिक हितों की रक्षा के लिए संसद में सवाल पूछे थे। दरअसल बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली है।
दूबे ने लोकसभा अध्यक्ष को शिकायत भेजी जिसे अब सदन की आचार समिति को भेज दिया गया है।
लेकिन महुआ से संबंधित इस मामले की शुरुआत काफी दिलचस्प है।
Chairman Ethics Committee openly speaks to media. Please see Lok Sabha rules below. How does “affidavit” find its way to media? Chairman should first do enquiry into how this was leaked.
I repeat – BJP 1 point agenda is to expel me from LS to shut me up on Adani pic.twitter.com/6JHPGqaoTI— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 20, 2023
बताया जा रहा है कि महुआ का कथित तौर पर एक पालतू डॉग की वजह से अपने बेहद करीबी दोस्त जय अनंत देहाद्राई के साथ अनबन हो गई थी। पालतू रोटवीलर नस्ल के डॉग का नाम हेनरी है। अनबन के कारण महुआ हेनरी को लेकर चली गईं जिसके बाद जय अनंत देहाद्राई ने दिल्ली के बाराखम्बा पुलिस पुलिस स्टेशन में केस कर दिया। बदले में महुआ ने भी केस कर दिया। हालांकि दोनों के बीच सुलह होने के बाद हेनरी महुआ के पास ही रह गए।
इसी बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे के हाथ महुआ से सम्बन्धित कुछ गोपनीय डॉक्युमेंट्स लग गए जिसके आधार पर उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष को शिकायत की।
टीमसी सांसद महुआ का आरोप है कि यह गोपनीय जानकारी जय अनंत देहाद्राई ने बीजेपी सांसद को दी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लोकसभा में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के एक आवेदन पर सुनवाई 31 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। महुआ ने हाई कोर्ट मे केस दायर कर मांग कि थी कि उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान प्रकाशित करने से मीडिया को रोका जाए। महुआ की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण पेश हुए थे, हालांकि उन्होंने खुद को मामले से अलग कर लिया।
शुक्रवार दोपहर जब यह मामला जस्टिस सचिन दत्ता की अदालत में सुनवाई के लिए आया, तो महुआ मोइत्रा के पुराने दोस्त वकील जय अनंत देहाद्राई ने अदालत को सूचित किया कि कल रात वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण ने उनसे मोइत्रा के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने के लिए कहा था। इसके बदले में वह पालतू डॉग हेनरी को वापस देने के लिए राजी थे।
देहाद्राई और मोइत्रा पहले भी करीब रहे हैं, लेकिन उनका रिश्ता टूट गया और उनके बीच अपने पालतू रोटवीलर कुत्ते की कस्टडी को लेकर झगड़ा चल रहा है।
मोइत्रा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने अदालत को बताया कि उन्होंने देहाद्राई से संपर्क किया था क्योंकि उन्हें पहले मामलों में जानकारी दी गई थी और उन्होंने मोइत्रा से कहा था कि वह देहाद्राई से बात करेंगे।
कोर्ट में इस खुलासे के बाद जस्टिस दत्ता ने शंकरनारायण से सवाल करते हुए कहा, “इसका मतलब है कि आपने मध्यस्थ की भूमिका निभाई है; क्या आपको लगता है कि आप इस मामले में पेश हो सकते हैं?”
जज की टिप्पणी के बाद गोपाल शंकरनारायण ने खुद को केस से अलग कर लिया।
देहाद्राई ने मोइत्रा के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में भी शिकायत दर्ज कराई है।
दिलचस्प बात यह है कि गुरुवार की रात दर्शन हीरानंदानी, जो पिछले कई सालों से मोइत्रा के करीबी रहे हैं, ने खुद को उनसे दूर कर लिया और एक हलफनामे में कहा कि मोइत्रा ने अपने संसद लॉगिन विवरण और पासवर्ड साझा किए थे, “ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकती हैं।”
दर्शन हीरानंदानी का हलफ़नामा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में यह भी दावा किया है कि “महुआ मोइत्रा बहुत महत्वाकांक्षी थीं और जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाना चाहती थीं। उनके दोस्तों और सलाहकारों ने उन्हें सलाह दी थी कि प्रसिद्धि का सबसे छोटा संभव रास्ता भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला करना है। एकमात्र समस्या यह थी कि मोदी की प्रतिष्ठा बेदाग थी और वह किसी को भी नीति, शासन या व्यक्तिगत आचरण में उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दे रहे थे। जैसा कि उनकी आदत थी, उन्होंने सोचा कि मोदी पर हमला करने का एकमात्र तरीका गौतम अडानी और उनके समूह पर हमला करना है क्योंकि दोनों समकालीन थे और वे एक ही राज्य गुजरात से हैं।
हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में यह भी स्वीकार किया है कि उन्होंने मोइत्रा को महंगी लग्जरी वस्तुएं भी उपहार में दी थीं। “उन्होंने मुझसे बार-बार मांगें कीं और मुझसे मदद मांगती रही, जिसे मुझे उनके करीब रहने और उनका समर्थन पाने के लिए पूरा करना पड़ा। जो मांगें की गईं और जो मदद मांगी गई, उनमें उन्हें महंगी विलासिता की वस्तुएं उपहार में देना, दिल्ली में उनके आधिकारिक आवंटित बंगले के नवीकरण पर सहायता प्रदान करना, यात्रा व्यय, छुट्टियां आदि के अलावा दुनिया के विभिन्न हिस्से और भारत के भीतर उनकी यात्राओं के लिए सचिवीय और रसद सहायता प्रदान करना शामिल था,” हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में कहा।
I welcome answering questions to CBI & Ethics Committee (which has absolute majority of BJP members) if & when they call me. I have neither time nor interest to feed a Adani-directed media circus trial or answer BJP trolls.
I am enjoying Durga Puja in Nadia.
Shubho Sashthi .— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 20, 2023
इस बीच, मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कहा, “मैं सीबीआई और एथिक्स कमेटी (जिसमें भाजपा सदस्यों का पूर्ण बहुमत है) के सवालों का जवाब देने का स्वागत करती हूं, अगर वे मुझे बुलाएं। मेरे पास अडानी द्वारा निर्देशित मीडिया सर्कस ट्रायल चलाने या बीजेपी ट्रोल्स को जवाब देने का न तो समय है और न ही रुचि। मैं नाडिया में दुर्गा पूजा का आनंद ले रही हूं। शुभो षष्ठी।”