भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच पुणे में होने वाले दूसरे टेस्ट की रोमांचक तैयारी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: बेंगलुरु टेस्ट में भारत की शर्मनाक हार के बाद, रोहित शर्मा की टीम अब न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पुणे में होने वाले दूसरे टेस्ट में नए सिरे से शुरुआत करने को तैयार है। जहां भारतीय बल्लेबाज पहली पारी में महज 46 रन पर आउट हो गए थे, वहीं न्यूज़ीलैंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आठ विकेट से जीत हासिल की। अब भारत के सामने इतिहास की दहलीज पर खड़े न्यूज़ीलैंड का सामना करना है, जो इस मैच में इतिहास बनाने की कोशिश करेगा।
रोहित शर्मा और उनकी टीम के लिए अगली दो टेस्ट जीतना प्राथमिक लक्ष्य है, खासकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले महीने होने वाली पांच टेस्ट की श्रृंखला से पहले। गौतम गंभीर के भारतीय टेस्ट टीम के कोच बनने के बाद, टीम की मानसिकता में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। गंभीर ने “जीतने की कोशिश करो” का रवैया अपनाने पर जोर दिया है, जो ड्रॉ से कहीं ज्यादा परिणाम पर केंद्रित है।
गंभीर की रणनीति ने हाल के मैचों में दिखाया है कि भारत हमेशा जीत के लिए तैयार है। उनका मानना है कि टेस्ट क्रिकेट मानसिक मजबूती, धैर्य और जीत के लिए खेलना है। उन्होंने कहा, “हमें दो या दो-and-a-half दिन खेलने के लिए मानसिक मजबूती और धैर्य की आवश्यकता होगी। लेकिन अगर नेतृत्व समूह या टीम प्रबंधन का निर्णय है कि हमें जीतने की कोशिश करनी है, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है।”
पुणे की पिच पर सभी की नजरें हैं। यदि बेंगलुरु की पिच तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल थी, तो पुणे की पिच स्पिनरों के लिए एक चुनौती पेश कर सकती है। भारत की रणनीति स्पष्ट है: अश्विन और जडेजा को मौका देकर किवियों को परेशान करना। हालांकि, पुणे की पिच पर भारत की पिछले अनुभवों को देखते हुए, यह चुनौती भी बड़ी हो सकती है।
इस टेस्ट में शुभमन गिल की वापसी हो रही है, जिन्होंने बेंगलुरु में गर्दन की चोट के कारण हिस्सा नहीं लिया था। उनके आने से टीम चयन में समस्या बढ़ गई है—क्या उन्हें केएल राहुल की जगह लेना चाहिए या फिर सरफराज खान को बाहर करना पड़ेगा?
रिषभ पंत पूरी तरह फिट हैं और विकेटकीपिंग के लिए तैयार हैं। गंभीर ने पुष्टि की कि पंत कोई फिटनेस समस्या नहीं है और वह विकेटकीपिंग करेंगे।
न्यूज़ीलैंड की टीम बेंगलुरु में मिली जीत के आत्मविश्वास के साथ पुणे पहुंच रही है। कप्तान टॉम लेथम के नेतृत्व में, न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज जैसे डेवोन कॉनवे और राचिन रवींद्र तेजी से उभर रहे हैं।
पुणे टेस्ट न केवल गर्व की बात है, बल्कि यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ भी है। भारत अभी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप टेबल में शीर्ष पर है, लेकिन एक और हार उन्हें कठिन स्थिति में डाल देगी।
भारत की नई आक्रामक मानसिकता दोधारी तलवार की तरह है—यह उन्हें महिमा की ओर ले जा सकती है या उन्हें खतरे में डाल सकती है।
क्या भारत फिर से उठेगा और श्रृंखला को बराबर करेगा, या न्यूज़ीलैंड इतिहास बनाएगा? यह टेस्ट एक उच्च वोल्टेज, थ्रिलर होने वाला है। सभी की निगाहें पुणे पर हैं।