देश भर में किसानों का चक्का जाम
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसान आंदोलन को और धार देने के लिए कई किसान संगठनों ने आज देशव्यापी चक्का जाम किया है। किसानों के इस चक्का जाम को कांग्रेस समेत कई पार्टियों का समर्थन प्राप्त है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा किसानों ने आज देशभर में चक्का जाम का ऐलान किया है। इस दौरान एंबुलेंस और स्कूल बस जैसी आवश्यक सेवाओं को नहीं रोका जाएगा।
दिल्ली में किसी भी अप्रिय वारदातों से निपटने के लिए पुलिस सतर्क है। बॉर्डर पर पैरामिलिट्री फाॅर्स के जवानों की तैनाती की गयी है। एहतियात के तौर पर दिल्ली मेट्रो के द्वारा मंडी हाउस, ITO, दिल्ली गेट, लाल किला, जामा मस्जिद, जनपथ, केंद्रीय सचिवालय और विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के गेट बंद करने का निर्णय लिया है। हालांकि इन स्टेशनों पर इंटरचेंज की सुविधा खुली रहेगी।
गाज़ीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है। अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा। टिकैत ने कहा कि शांति से चक्का जाम कराया जा रहा है। ये जमीन के लिए आंदोलन है। हम 2 अक्टूबर तक यहीं बैठेंगे। हम कहीं नहीं जा रहे हैं। ये आम जनता का आंदोलन है।
पंजाब में जगह-जगह से किसानों के चक्का जाम की तस्वीरें सामने आ रही हैं। अमृतसर और मोहाली में किसानों की प्रदर्शन करते हुए तस्वीरें सामने आई हैं। जम्मू में किसानों ने जम्मू पठानकोट हाईवे जाम कर दिया है और वो कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं पंजाब के करनाल में किसानों ने 12 बजते ही नेशनल हाईवे बसताड़ा टोल को जाम कर दिया है। इसी तरह देश के अलग-अलग हिस्सों से रास्ते जाम करने की खबरें आ रही हैं। हालांकि स्थिति नियंत्रण में है और फिलहाल किसी उपद्रव की खबर नहीं आई है।
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहीं किसान यूनियनों के समर्थन में किसानों ने राजस्थान में शनिवार को अनेक जगह ‘चक्का जाम’ किया। राज्य के गंगानगर, हनुमानगढ़, धौलपुर व झालावाड़ सहित अनेक जगह पर किसानों द्वारा चक्काजाम के समाचार हैं जहां किसान मुख्य सड़कों या राजमार्गों पर धरने पर बैठे हैं। एक अधिकारी के अनुसार फिलहाल किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों की ओर से आहूत ‘चक्का जाम’ का समर्थन करते हुए शनिवार को कहा कि अन्नदाताओं का सत्याग्रह देश हित में है और तीनों कृषि कानून राष्ट्र के लिए घातक हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है – ये तीन क़ानून सिर्फ़ किसान-मज़दूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं। पूर्ण समर्थन!
अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को कहना चाहूंगा कि देश की आवाज़, देश के किसानों की बात सुननी चाहिए और जल्दी ही ये 3 कानूनों को रद्द करना चाहिए।