बीसीसीआई के पूर्व मुख्य चयनकर्ता ने कहा, ‘मैं केएल राहुल के पास जाता और कहता कि ‘एक ब्रेक ले लो’
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: एक क्रिकेटर के लिए जिसने अपने सात टेस्ट शतकों में से छह घर से बाहर और ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और श्रीलंका में विभिन्न परिस्थितियों में बनाए हैं, वह एक एक रन के लिए आज तरस रहा है। केएल राहुल की खराब फॉर्म की की चर्चा अभी सब कर रहे हैं।
47 टेस्ट के बाद 33.44 का औसत वास्तव में राहुल की प्रतिभा के साथ न्याय नहीं करता है। लेकिन सवाल यह है कि जब शुभमन गिल जैसे खिलाड़ी केवल प्रदर्शन के आधार पर नहीं बल्कि प्रतिभा के आधार पर बेंच पर हों तो टीम प्रबंधन कब तक राहुल को एकादश में बनाए रख सकता है?
रेड बॉल क्रिकेट में राहुल का अपनी पिछली 10 पारियों में सर्वाधिक स्कोर 23 है। यहां तक कि जब वह विदेशों में शतक बना रहे थे, तब भी वह उस आत्मविश्वास को हासिल नहीं कर पाए और किसी श्रृंखला या सत्र को अपना नहीं बना सके। वह किसी तरह टेस्ट क्रिकेट में ऑल-ऑर-नथिंग खिलाड़ी रहे हैं। और यही एक मुख्य कारण है कि प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों का इस प्रतिभाशाली दाएं हाथ के बल्लेबाज के साथ धैर्य खत्म हो गया है।
कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने स्पष्ट कर दिया है कि वे राहुल का समर्थन करना जारी रखेंगे, लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शेष दो टेस्ट मैचों के लिए उप-कप्तान के रूप में हटाकर स्पष्ट संकेत दे दिया है कि उनकी जगह के लिए लंबी कतार है।
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज कृष्णमाचारी श्रीकांत ने राहुल की तुलना ‘रोल्स रॉयस’ से करते हुए कहा कि वह सलामी बल्लेबाज के बहुत बड़े प्रशंसक हैं, लेकिन अभी उन्हें क्रिकेट के मैदान से कुछ समय दूर रहने की जरूरत है।
“मैं राहुल की क्लास का जबरदस्त प्रशंसक हूं, वास्तव में मैं उन्हें रोल्स रॉयस राहुल कहता हूं… लेकिन फिलहाल उनके लिए ऐसा नहीं हो रहा है। अगर मैं चयनकर्ताओं का अध्यक्ष होता, तो मैं उनके पास जाता और उनसे कुछ समय के लिए ब्रेक लेने के लिए कहता,” श्रीकांत ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया।
श्रीकांत, जो भारत के 2011 विश्व कप जीतने पर चयनकर्ताओं के अध्यक्ष थे, ने कहा कि शुभमन गिल को इंदौर में 1 मार्च से शुरू होने वाला तीसरा टेस्ट खेलना चाहिए। श्रीकांत ने कहा, जब खिलाड़ी अपने जीवन के फॉर्म में होता है तो आप उसे इंतजार नहीं करा सकते।
1983 विश्व कप विजेता श्रीकांत हालांकि राहुल की बल्लेबाजी में कोई तकनीकी खामी नहीं ढूंढ सके। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल मैं उनके खेल में तकनीकी कमी का पता नहीं लगा सकता। मुझे लगता है कि यह अधिक मानसिक है और राहुल को केवल एक ब्रेक लेने और अपने दिमाग को ठीक करने की जरूरत है।“