पूर्व आई.ए.एस. की चर्चित किताब ’’गाँधीवादी प्रयोग: नरक से नगर की ओर’ का सफाईकर्मीं के करकमलों से हुआ विमोचन

Former I.A.S. The famous book of Safai Karmi Ke Karkamal was releasedचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: हमेंशा गन्दगी की सफाई में लगे एक सफाईकर्मी के हाथों को ‘‘करकमलों’’ का स्थान मिलने का देश के इतिहास में एक पहला उदाहरण आज गाजियाबाद के हिन्दी भवन में देखने को मिला। लीक एवं परम्परा से हटकर डॉ. अजय शंकर पाण्डेय ने अपनी पुस्तक ’’गाँधीवादी प्रयोग: नरक से नगर की ओर’’ का सफाईकर्मियों की जमात से ही दो सबसे वयोवृद्ध पुरूष एवं महिला सफाईकर्मियों क्रमशः श्री सोमपाल एवं श्रीमती दयावती देवी के हाथों से सम्पन्न कराया। साथ ही, इस संस्करण से प्राप्त रॉयल्टी सफाई कर्मचारियों के मेधावी बच्चों की शिक्षा के लिए प्रदान करने की घोषणा की है।

यह पुस्तक उत्तर प्रदेष में वर्ष 2004 से 2010 तक के नगरीय निकायों के यथार्थ की तस्वीर है। गोरखपुर एवं गाजियाबाद नगर निगमों के अनुभवों के आधार पर पूरे स्थानीय निकाय व्यवस्था का एक खुला दस्तावेज है यह किताब!

प्रकाशक ने बताया कि ’’पुस्तक 2012 में तैयार हो गई थी और राज्य सरकार से प्रकाशन की अनुमति भी प्राप्त हो गयी थी, परन्तु लेखक ने नैतिकता के उच्चतम मानक स्थापित करते हुए तत्समय इसे अपनी व्याख्या में सशर्त होने के कारण प्रकाशित नही कराया।’’

पुस्तक में कई रहस्योद्घाटन है। परन्तु कई महत्वपूर्ण अंशों को प्रकाशन से स्थगित किया गया है। ये अप्रकाशित अंश नगर निगम से सम्बन्धित तमाम हितबद्ध पक्षों के कारनामो एवं दूषित कार्यप्रणाली से सम्बन्धित है। इन्हंे द्वितीय संस्करण में राज्य सरकार की सशर्त अनुमति की अवधि स्वयं विलोपित होने के बाद प्रकाशित करने की बात है।

गाजियाबाद के कालखण्ड़ में कारवां के अध्यक्ष के रुप में श्री अरविन्द केजरीवाल एवं श्री मनीष सिसोदिया आदि के नगर निगम से हुए विवाद को ससाक्ष्य प्रस्तुत किया गया है परन्तु पुस्तक के लेखक ने नैतिक आधार पर प्रकाशन के पूर्व सम्बन्धितों को अवलोकन, पुष्टि, टिप्पणी हेतु प्रेषित करने का निर्णय लिया। तद्नुसार टिप्पणी सहित और टिप्पणी ना प्राप्त होने की स्थिति में उसे द्वितीय संस्करण में प्रकाशित करने का वादा पाठकों से किया है।

वर्ष 2007 से 2010 तक कार्यकाल नगर निगम गाजियाबाद के इतिहास में एक स्वच्छ, पारदर्शी, ईमानदारी के कार्यकाल के लिए जाना जाता है। नगर निगम कार्यालय का रूपांतरण, कमीशन शून्य व्यवस्था, चरखे का प्रयोग, हिण्डन नदी की सफाई, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन आदि कार्यों का ससाक्ष्य विवरण है। गोरखपुर में अराजक तत्वों द्वारा नगर निगम को बंधक बनाए रखने एवं उनके मकड़जाल को भेदने की कहानी को बड़े रोचक ढ़ग से प्रस्तुत किया गया है।

Former I.A.S. The famous book of Safai Karmi Ke Karkamal was releasedश्री पाण्डेय ने कहा कि ’’माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। यह एक क्रान्तिकारी पहल है। स्वच्छता मिशन से देश के आम नागरिकों की सांेच में बदलाव आया है! जागरुकता पैदा हुई!

इस पुस्तक में स्थानीय निकायों को लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की सोंच को प्रयोग में लाते हुए नगर निगम की कार्य प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के तमाम प्रयोगों का उल्लेख किया गया है एवं तमाम समस्याओं का समाधान सुझाया गया है।

खचाखच भरे हिन्दी भवन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विख्यात आध्यात्मिक गुरू श्री पवन सिन्हा जी ने की। उन्होंने कहा ’’पुस्तक में नगरीय व्यवस्था के अंधेरे पक्ष को जहां दिखाया गया है वहीं उसके उज्जवल पक्ष को उद्घाटित करते हुए भविष्य की स्वर्णिम सम्भावनाओं को बखूबी उकेरा गया है। कर्नल टी.पी. त्यागी ने कहा कि इस प्रकार का पुस्तक विमोचन कार्यक्रम जीवन में पहली बार देखा है कि किसी सफाई कर्मचारी से पुस्तक का विमोचन करवाया जा रहा है। श्री ललित जैसवाल ने बताया कि वे कई विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा ले चुके हैं परन्तु आज का पुस्तक विमोचन कार्यक्रम स्वयं में एक अनूठा उदाहरण है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में श्री ललित जैसवाल, श्री पी.एन. अरोड़ा, कर्नल टी.पी. त्यागी, सभी निकायों के पूर्व पार्षद तथा मीडियागण उपस्थित रहे।

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