ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस कायस्थ समाज के गौरवमयी इतिहास को दुहराने की ओर अग्रसर: राजीव रंजन प्रसाद
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद ने जीकेसी के सात मूलभूत सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने और कायस्थ समाज के लोगों की एकजुटता और मजबूती के साथ काम करने पर जोर दिया और कहा कि ऐसा करने से जल्द ही हम अपने स्वर्णिम अध्याय और गौरवशाली अतीत को पाकर विश्वपटल पर अपनी सशक्त पहचान बनाने में कामयाब हो जायेंगे।
जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद की अध्यक्षता में इंडिया एंड ओवरसीज इकाईयों की जनरल बॉडी की वर्चुअल मीटिंग संपन्न हुई। वर्चुअल मीटिंग की शुरूआत जीकेसी के राष्ट्रीय महाचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने अपने संबोधन भाषण से की, जिसमें उन्होंने जीकेसी की उपलब्धी और आागामी कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। वर्चुअल मीटिंग का शानदार संयोजन जीकेसी डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कर्नाटक के प्रभारी आनंद कुमार सिन्हा ने किया। वर्चुअल मीटिंग में इंडिया एंड ओवरसीज इकाई के अलग-अलग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष , प्रदेश अध्यक्ष और पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद के नेतृत्व में कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास और उत्थान के लिये उनकी हर संभव सहायता देने का संकल्प लिया।
वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुये श्री राजीव रंजन प्रसाद ने जीकेसी के सात मूलभूत सिद्धांत सेवा, सहयोग, संप्रेषण,सरलता, समन्वय, सकारात्मकता और संवेदशनीलता को जीवन में आत्मसात करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज की एकता दिखने लगी है। 07 मार्च को जीकेसी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक राष्ट्रीय महासचिव श्री मनोज श्रीवास्तव और दिल्ली की टीम की अध्यक्षता में आहूत की गयी थी, जिसमें देश-विदेश से जुड़े जीकेसी के पदाधिकारियों ने शिरकत कर अपनी एकजुटता का शानदार परिचय दिया था। उन्होंने बताया कि 19 दिसंबर को तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली में विश्वकायस्थ महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की तैयारी की नींव कायस्थ प्रगति मंच के सौजन्य से बदरपुर नई दिल्ली में रखी जा चुकी है।
“दिल्ली चलो ” एक नारा नहीं बल्कि एक मिशन है और इसकी तैयारी के लिये जीकेसी टीम को मिलजुल कर अभी से तैयारी करने की जरूरत है। नयी दिल्ली में विश्व कायस्थ महासम्मेलन की तैयारी के लिये 100 से 150 मीटिंग की जायेगी और कार्यक्रम को सफल बनाने की रूपरेखा तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि जीकेसी की युवा प्रकोष्ठ की टीम अपनी शक्ति और सामर्थ्य के अनुसार अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। स्पष्ट सोच और समर्पण को भावना रखने वाले इन युवाओं के साथ जीकेसी का भविष्य उज्ज्वल है।
श्री राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि जीकेसी से जुड़े हर राज्य की टीम सीमित संसाधन में कायस्थ समाज के विकास में सराहनीय भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में कर्नाटक जीकेसी इकाई ने अखिल भारतीय एकता मंच के सौजन्य से बैंगलूरू में आयोजित विश्वस्तरीय विद्यापति महापर्व समारोह और राजधानी पटना में महान कवियित्री और सुविख्यात लेखिका महादेवी वर्मा की जयंती 26 मार्च के अवसर पर महादेवी वर्मा सम्मान समारोह को जीकेसी बिहार की टीम ने सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उन्होंने बताया कि जीकेसी टीम कायस्थ समाज के लोगों की सहायता के लिये हर संभव सहायता करने के लिये तत्पर है। हाल ही में झारखंड के झरिया में कायस्थ समाज के एक युवक की हत्या के मामले की जांच के लिये बनायी गयी जांच समिति टीम ने पीड़़ित परिवार के परिजनों से मिलकर उन्हें हर संभव सहायता देने का वचन दिया जो एक शानदार पहल है। उन्होंने बताया कि पूरे देश भर में जीकेसी ईकाईयों का विस्तार किया जा रहा है, इसी क्रम में मध्यप्रदेश ,राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नाम भी शुमार हो गया है। युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए क्रीड़ा की महत्ता एवं जीकेसी के मूलभूत सिद्धांतों को आत्मसात करते हुये जीकेसी ने क्रीड़ा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि जीकेसी के सिद्धांत और कार्यक्रम को लोगों के बीच रखने में जीकेसी का मीडिया सेल, डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ और आईटी सेल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा और उससे जुड़े पदाधिकारी इसके लिये बधाई के पात्र हैं। जीकेसी का शिक्षा प्रकोष्ठ भी आने वाले समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी जिसके लिये शिक्षा प्रकोष्ठ की टीम तत्पर है।जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने श्री राजीव रंजन प्रसाद के शानदार नेतृत्व में कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास के लिये काम कर रहे पदाधिकारी और सदस्यों को बधाई और शुभकामना देते हुये कहा कि कायस्थ समाज के लोग अपने जीवन में चुनौतियों का सामना कर विजय श्री हासिल करने में सफल होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर जीकेसी की ईकाई को विस्तार करने की जरूरत है।
संगठन को आगे बढ़ाने के लिए सोच और विचारधारा का ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन की जरूरत है। वहीं जीकेसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं ओवरसीज विंग के प्रभारी अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा लक्ष्य निर्धारित है और उसको पाने के लिए सेवा भाव से अपनी ऊर्जा को हमें संगठन में लगाना है और नेतृत्व का पूरा समर्थन करना है। उन्होंने जीकेसी के सातों मूल वचनों की विस्तृत जानकारी दी और उन्हें अपने जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया।बैठक के दौरान ओवरसीज विंग की अध्यक्ष नेहा निरुपम ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ अपने विचार रखे।