ग्लोबल अध्ययन में खुलासा: भारतीय उपभोक्ता डिवाईसेस में उन्नत वीडियो एवं ऑडियो क्वालिटी पर ज्यादा खर्च करना चाहते हैं
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: आज इमर्सिव एंटरटेनमेंट अनुभवों में लीडर, डॉल्बी लैबोरेटरीज़ इंक. (NYSE: DLB) ने अपने नए ग्लोबल अध्ययन के परिणाम जारी किए, जिनमें भारत में उपभोक्ताओं के एंटरटेनमेंट के व्यवहार में भारी परिवर्तन देखने को मिला। घर से काम करने और लेज़र इकॉनॉमी के चलते नए व गुणवत्तायुक्त कंटेंट एवं बेहतर डिवाईसेस की मांग तेजी से बढ़ी। वेकफील्ड रिसर्च द्वारा डॉल्बी के लिए चार देशों में किए गए नए ग्लोबल कंज़्यूमर अध्ययन के अनुसार भारतीय उपभोक्ता घरों में ज्यादा समय बिताए जाने के कारण बेहतर अनुभवों को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। भारतीय उपभोक्ता क्वालिटी पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं ताकि वो एक दूसरे से बेहतर कनेक्ट हो सकें और बेहतर तरीके से कंटेंट देख सकें।
डॉल्बी लैबोरेटरीज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर, इमर्जिंग मार्केट्स, पंकज केडिया ने कहा, ‘‘पिछले साल की सभी चुनौतियों के बावजूद, यह अध्ययन हमें अपनी जरूरतों को पूरा करने में एंटरटेनमेंट की शक्ति को प्रदर्शित करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपनी टेक्नॉलॉजी द्वारा ज्यादा इमर्सिव अनुभव का निर्माण करने पर गर्व है, तथा उपभोक्ता ज्यादा बेहतर अनुभव चाहते हैं, इसलिए हमें डॉल्बी विज़न एवं डॉल्बी एटमॉस के विकास का आश्वासन है।’’
वेकफील्ड रिसर्च में सीनियर पार्टनर, नाथन रिक्टर ने कहा, ‘‘हम सभी अपने घरों में ज्यादा समय बिता रहे हैं। दोस्तों व परिवारों के साथ व्यक्तिगत व वर्चुअल रूप से जुड़ने का इससे अच्छा समय और कोई नहीं होगा। लोग मनोरंजन पसंद करते हैं और गुणवत्तायुक्त कंटेंट की मांग में तीव्र वृद्धि हुई है, जिसका आनंद घर बैठकर लिया जा सके। लोग जानते हैं कि हाई क्वालिटी की साउंड एवं विज़्युअल अनुभव का भारी प्रभाव पड़ता है और व्यूईंग ज्यादा आकर्षक बनती है। इसके अलावा, इस चुनौतीपूर्ण समय में लोगों को बेहतर कनेक्ट होने में मदद मिलती है और उनका मनोरंजन का अनुभव बेहतर बनता है।’’
‘‘क्वालिटी टाईम इज़ क्वालिटी पिक्चर एंड साउंड’’ (उत्तम समय, उत्तम पिक्चर एवं उत्तम साउंड है) पर वेकफील्ड द्वारा किए गए अध्ययन में कंटेंट देखने के लिए उपभोक्ताओं का बदलता रूझान देखने को मिला है। इसमें प्रीमियम क्वालिटी के कंटेंट एवं डिवाईसेस में निवेश करने की उनकी प्राथमिकता व उत्सुकता देखने को मिली, ताकि वो बेहतर विज़्युअल एवं ऑडियो अनुभव प्राप्त कर सकें और परिवार के बीच प्रेम बढ़ा सकें।
भारत में यह अध्ययन छः शहरों – नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और अहमदाबाद में किया गया और इसका उद्देश्य कोरोना महामारी के दौर में कंटेंट देखने की बदलती आदतों को समझना था। यह अध्ययन विभिन्न जनरेशंस में किया गया, जिनमें जनरेशन जैड, मिलेनियल्स, जनरेशन एक्स एवं बूमर्स शामिल हैं।
अध्ययन के कुछ रोचक परिणाम
कंटेंट से संतुष्ट – कोविड-19 के दौर में अनेक भारतीय एंटरटेनमेंट को मन हल्का करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। 66 प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि वो इसे सुकून प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल करते हैं और 60 प्रतिशत ने कहा कि दूसरों के साथ बैठकर कंटेंट देखना एक अच्छा सामाजिक अनुभव है।
सुर्खियों से निकला – मौजूदा घटनाओं ने दर्शकों को एंटरटेनमेंट की ओर मोड़ा और उनकी पसंद को बदला है। इनमें 92 प्रतिशत भारतीय हैं, जिन्होंने बताया कि खबरों की सुर्खियां तय करती हैं कि वो क्या देखेंगे।
अनुभवों में निवेश – अध्ययन प्रदर्शित करता है कि उपभोक्ता कंटेंट बेहतर तरीके से देखने एवं एक दूसरे से कनेक्ट होने के लिए गुणवत्ता पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं। पिछले साल की शुरुआत की तुलना में –
o 97 प्रतिशत भारतीयों ने पिछले साल की शुरुआत की तुलना में कंटेंट पर मासिक खर्च औसतन 48 प्रतिशत बढ़ाया।
o पिछले छः महीनों में 88 प्रतिशत भारतीयों ने अपनी स्ट्रीमिंग सेवाओं को अपग्रेड करने में निवेश किया।
o 96 प्रतिशत भारतीय अगले 6 महीनों में अपने एंटरटेनमेंट के उपकरण को अपग्रेड करने की योजना बना रहे हैं।
o उपकरण के अपग्रेड में बेहतर मोबाईल डिवाईसेस शामिल हैं। 61 प्रतिशत भारतीय अपनी मोबाईल डिवाईस अपग्रेड करने और व्यूईंग के अनुभव में सुधार करने की योजना बना रहे हैं।
मूल्यवान होना – उपभोक्ता बेहतर पिक्चर एवं साउंड क्वालिटी के साथ कंटेंट का ज्यादा आनंद ले पाते हैं। 94 प्रतिशत भारतीय बेहतर पिक्चर एवं साउंड क्वालिटी पाने के लिए प्रीमियम सब्सक्रिप्शन में ज्यादा निवेश करेंगे।
विस्तृत आयाम – उपभोक्ताओं को घर पर ज्यादा रहने से देखने के लिए ज्यादा समय मिलता है, इसलिए कई उपभोक्ताओं ने कंटेंट की वो शैलियां भी देखीं, जो इससे पहले वो नहीं देखते थे।
o 95 प्रतिशत भारतीयों ने नए तरह का कंटेंट देखा, जो इससे पहले उन्होंने नहीं देखा था।
o नए तरह का कंटेंट देखने वालों के पास काफी विविध विकल्प हैं। भारत में लाईव म्यूज़िक ईवेंट्स स्ट्रीम करना सबसे लोकप्रिय नया कंटेंट (50 प्रतिशत) है। इसके बाद कॉमेडी (48 प्रतिशत), वीडियो गेम स्ट्रीमिंग (46 प्रतिशत) और डीआईवाई वीडियो (45 प्रतिशत) का स्थान आता है।
देखने के विविध तरीके – 29 प्रतिशत भारतीयों ने बताया कि उनकी प्राथमिक एंटरटेनमेंट डिवाईस, उनका स्मार्टफोन है। इसके बाद 22 प्रतिशत ने टेलीविज़न को और 20 प्रतिशत ने कंप्यूटर को अपनी प्राथमिक एंटरटेनमेंट डिवाईस बताया।
छोटी स्क्रीन, उत्तम क्वालिटी – मूवी व टीवी शो देखने के लिए उपभोक्ताओं की रुचि बेहतर पिक्चर एवं साउंड क्वालिटी में रही। 49 प्रतिशत भारतीयों ने मूवीज़ को एंटरटेनमेंट के सर्वोच्च दो रूपों में एक बताया, जिनमें बेहतर क्वालिटी जरूरी है।
मेहनत करें, मेहनत से खेलें – अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग काम का हिस्सा बन गई है, लोग व्यक्तिगत उद्देश्य के लिए इस प्रौद्योगिकी को उधार पर ले रहे हैं। 92 प्रतिशत भारतीय सामाजिक उद्देश्यों के लिए वर्क वीडियो एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें वो 80 प्रतिशत लोग भी शामिल हैं, जो हर वक्त इसका उपयोग करते हैं।
हर चीज़ के लिए पहली बार – स्ट्रीमिंग वीडियो देखते वक्त लाईव चैट में संलग्न होने वाले 65 प्रतिशत भारतीय, ऐसा पहली बार कर रहे होते हैं।
डॉल्बी में हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रीमियम, इमर्सिव अनुभव प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। पिछले साल डॉल्बी विज़न एवं डॉल्बी एटमॉस को विस्तृत तौर पर घरों में अपनाया गया। बाजार में विश्व के अग्रणी निर्माताओं की सैकड़ों डॉल्बी विज़न एवं डॉल्बी एटमॉस इनेबल्ड डिवाईस हैं।
यह अध्ययन प्रदर्शित करता है कि बेहतर अनुभवों का सफर केवल डिवाईस तक सीमित नहीं। कंटेंट के अपनाए जाने में भी तीव्र विस्तार हो रह है और ऐसे परिवेश का निर्माण हो रहा है, जो हम अग्रणी स्ट्रीमिंग सेवाओं के साथ वैश्विक साझेदारियों द्वारा बना रहे हैं, ताकि वो हर माह डॉल्बी टेक्नॉलॉजी में अपने सर्वश्रेष्ठ शो एवं फिल्में रिलीज़ कर सकें।
डॉल्बी लैबोरेटरीज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर, इमर्जिंग मार्केट्स, पंकज केड़िया ने कहा, ‘‘हम भविष्य में ज्यादा मानव संपर्कों की अपेक्षा कर रहे हैं और इमर्सिव अनुभवों से यह मांग पूरी करने में मदद मिलेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह एंटरटेनमेंट सांस्कृतिक परिवर्तन लाता है, वह परिवर्तन दुनिया में संपर्क स्थापित करता है। एंटरटेनमेंट के बेहतर अनुभवों द्वारा ये संपर्क प्रतिदिन मजबूत हो रहे हैं।’’
अध्ययन की विधि
वेकफील्ड रिसर्च ने 1 अक्टूबर और 16 अक्टूबर, 2020 के बीच एक क्वांटिटेटिव रिसर्च अध्ययन किया। यह अध्ययन देश का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यस्कों के बीच चीन (2,000), फ्रांस (1,000), भारत (1,000), और अमेरिका (1,000) में किया गया। हर बाजार में 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यस्कों का विश्वसनीय व सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए कोटा निर्धारित किया गया।