सरकार ने नकली दवा बनाने वाली 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा 20 राज्यों की 76 कंपनियों के निरीक्षण के बाद सरकार ने मंगलवार को नकली दवाओं के निर्माण के लिए 18 दवा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए।
सूत्रों ने कहा कि नकली दवाओं के निर्माण से जुड़ी देश भर की फार्मा कंपनियों पर भारी कार्रवाई की जा रही है। नकली दवा बनाने वाली कंपनियों पर सरकारी कार्रवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश में 70 और उत्तराखंड में 45 और मध्य प्रदेश में 23 कंपनियों पर कार्रवाई की गई है।
नियमों के कथित उल्लंघन में कारोबार करने के लिए ई-फार्मेसी पर शिकंजा कसने की सरकार की कोशिश की पृष्ठभूमि में यह कार्रवाई की गई है।
ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के उल्लंघन में ऑपरेशन करने के लिए पिछले महीने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा नेटमेड्स, Tata 1mg और PharmEasy सहित ईफार्मेसी के एक समूह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
कंपनियां, जो तब से स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एक ऑडियंस प्राप्त करने की कोशिश कर रही हैं, उन्हें अभी तक एक भी अनुमति नहीं दी गई है।
मैरियन बायोटेक के तीन वरिष्ठ कर्मचारियों को नोएडा पुलिस ने मिलावटी दवाओं के निर्माण और बिक्री के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया है।
मैरियन बायोटेक दिसंबर 2022 में उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत की खबरों को लेकर जांच के दायरे में आया था, जिसके बाद भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मामले की जांच शुरू की और 36 में से 22 नमूनों को “मानक गुणवत्ता के नहीं” (मिलावटी) और नकली पाया। ।