“इतने नकली आंसू कैसे बहा लेते हैं प्रधानमंत्री जी”, राहुल गाँधी का नया तंज

"How does the Prime Minister shed so many fake tears", Rahul Gandhi's new tauntचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महंगाई के मुद्दे पर फिर से केंद्र सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि इतने नकली आंसू कैसे बहा लेते हैं प्रधानमत्री जी।

दरअसल एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल मार्केटिंग कंपनियों के कुल 3.59 करोड़ घरेलू गैस कनेक्शन धारकों ने पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान एक भी सिलेंडर नहीं भराया। वहीं, 1.20 करोड़ ग्राहकों ने पूरे साल में केवल एक सिलेंडर भराया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इसी रिपोर्ट के आधार पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि “अपनी एक रैली में चूल्हे पर खाना बनाने वाली मांओं के लिए प्रधानमंत्री जी कुछ ज्यादा भावुक हो गए थे, लेकिन सिर्फ एक वर्ष में ही 3.59 करोड़ लोग चूल्हा फूंकने को मजबूर हैं। इतने नकली आंसू कैसे बहा लेते हैं, प्रधानमंत्री जी?”

रसोई गैस की बढ़ती महंगाई के बीच सूचना के अधिकार से खुलासा हुआ कि सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल मार्केटिंग कंपनियों के कुल 3.59 करोड़ घरेलू गैस कनेक्शन धारकों ने पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान एक भी सिलेंडर नहीं भराया। वहीं, 1.20 करोड़ ग्राहकों ने पूरे साल में केवल एक सिलेंडर भराया।

हालांकि ये सभी ग्राहक गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना (पीएमयूवाई) से नहीं जुड़े हैं।

इसी मसले पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा, “मई 2016 में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना की शुरुआत हुई। पेट्रोल पंप से लेकर अखबार तक, इस योजना पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए फिर 10 अगस्त, 2021 को उज्‍जवला 2.0 का लॉन्च कर फिर से जनता के टैक्स के पैसों से विज्ञापनों पर करोड़ों उड़ाए गए।”

“फिर धीरे-धीरे सिलिंडर के दाम बढ़ाए गए और आज 1 सिलिंडर भराने की कीमत 1000 रुपये हो चुकी है। मैंने कहा था कि प्रधानमंत्री जी ने दो हिंदुस्तान बना दिए हैं, एक अमीरों का और एक गरीबों का। अपनी एक रैली में चूल्हे पर खाना बनाने वाली मांओं के लिए प्रधानमंत्री जी कुछ ज्यादा भावुक हो गए थे, लेकिन आज सिर्फ एक वर्ष (2021-22) में ही 3.59 करोड़ लोगों को चूल्हा फूंकने पर मजबूर कर दिया है। इतने नकली आंसू कैसे बहा लेते हैं, प्रधानमंत्री जी?”

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