आईफा रॉक्स: दिलकश संगीत और जश्न की रात का बेसब्री से इंतजार

IIFA Rocks: Looking forward to a night of soulful music and celebrationचिरौरी न्यूज

मुंबई: बहुप्रतीक्षित आईफा फेस्टिवल 2024 का आयोजन 27 सितंबर, 2024 से यास द्वीप, अबू धाबी में शुरू होगा, जिसका समापन रविवार, 29 सितंबर को ग्रैंड सोभा रियल्टी आईफा रॉक्स के साथ होगा, जिसे नेक्सा द्वारा सह-प्रस्तुत और मैसूर द्वारा सह-संचालित किया जाएगा।

आईफा रॉक्स संगीत, ग्लैमर और स्टार पावर का एक रोमांचक मिश्रण होने का वादा करता है, जो एक शानदार जश्न के लिए इंडस्ट्री की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को एक साथ लाएगा। इस कार्यक्रम की मेजबानी सिद्धांत चतुवेर्दी और अभिषेक बनर्जी करेंगे, जिसमें शंकर-एहसान-लॉय, शिल्पा राव, हनी सिंह और लूलिया वंतूर जैसे प्रसिद्ध कलाकार एक से बढ़कर एक रोमांचक प्रस्तुतियाँ देंगे।

शाम की शुरुआत प्रसिद्ध त्रिमूर्ति शंकर-एहसान-लॉय के साथ होगी, जिनकी भावपूर्ण रचनाएँ तीन दशकों से भी अधिक समय से बॉलीवुड संगीत को परिभाषित कर रही हैं। उनकी प्रस्तुति इंडस्ट्री में उनकी उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाते हुए क्लासिक हिट और समकालीन धुनों का एक मनोरम मिश्रण पेश करेगी।

उनके साथ बेहद प्रतिभाशाली शिल्पा राव भी शामिल होंगी, जो अपनी सशक्त गायकी और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाती हैं। वे भारतीय सिनेमा में सबसे अधिक मशहूर पार्श्व गायकों में से एक के रूप जानी जाती हैं। अपनी दमदार प्रस्तुतियों और मधुर गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगी।

उत्साह को दोगुना करते हुए, हनी सिंह रैप और बॉलीवुड बीट्स का अपना सिग्नेचर फ्यूज़न पेश करेंगे। अपने चार्ट-टॉपिंग हिट्स और हाई-एनर्जी परफॉर्मेंस के लिए पहचाने जाने वाले, हनी सिंह अपनी दमदार प्रस्तुतियों के माध्यम से फैंस को थिरकने के लिए मजबूर कर देंगे।

इस शानदार लाइनअप को पूरा करते हुए लूलिया वंतूर की मनमोहक मंच उपस्थिति और गायन प्रतिभा महफिल में चार चाँद लगाने का काम करेगी।

आईफा रॉक्स सिर्फ संगीत के बारे में नहीं है; यह पर्दे के पीछे की तकनीकी प्रतिभा को उजागर करते हुए भारतीय सिनेमा के प्रमुख लोगों को भी सम्मानित करेगा। सिनेमैटोग्राफी, स्क्रीनप्ले, डायलॉग्स, एडिटिंग, कोरियोग्राफी, साउंड डिज़ाइन और स्पेशल इफेक्ट्स सहित विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे। यह उत्सव भारतीय सिनेमा के गुमनाम नायकों का सम्मान करते हुए, फिल्मों को जीवंत बनाने वाली रचनात्मकता और तकनीकी कुशलता को मान्यता देता है।

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