जी7 के विज्ञप्ति में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा शामिल

India-Middle East-Europe Economic Corridor included in G7 communiqueचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: जी7 देशों ने तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन पर जारी अपने वक्तव्य में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) जैसी विशिष्ट अवसंरचना परियोजनाओं को समर्थन देने का वचन दिया है। जी7 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया था।

यह विज्ञप्ति शुक्रवार शाम को आलीशान बोर्गो एग्नाज़िया रिसॉर्ट में पारंपरिक समूह फोटो के बाद जारी की गई।

जी7 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय कानून द्वारा शासित “स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक” के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि की। प्रधानमंत्री मोदी ने इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिन्होंने इस कार्यक्रम की मेजबानी की थी।

विज्ञप्ति में कहा गया है, “हम ठोस G7 PGII (वैश्विक अवसंरचना और निवेश के लिए भागीदारी) पहलों, प्रमुख परियोजनाओं और गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना और निवेश के लिए परिवर्तनकारी आर्थिक गलियारे विकसित करने के लिए पूरक पहलों को बढ़ावा देंगे, जैसे कि लोबिटो कॉरिडोर, लूज़ोन कॉरिडोर, मिडिल कॉरिडोर और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के लिए हमारे समन्वय और वित्तपोषण को गहरा करना, साथ ही यूरोपीय संघ के ग्लोबल गेटवे, ग्रेट ग्रीन वॉल इनिशिएटिव और इटली द्वारा शुरू की गई अफ्रीका के लिए मैटेई योजना का निर्माण करना।”

एक अभूतपूर्व परियोजना के रूप में वर्णित, IMEC की योजना सऊदी अरब, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप को जोड़ने वाली सड़कों, रेलवे और शिपिंग मार्गों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित करने की है। इस पहल का उद्देश्य एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिमी देशों के बीच एकीकरण को बढ़ावा देना है।

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