पहलगाम हत्याकांड के बाद भारत हाई अलर्ट पर: शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने आपात बैठक की
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली/श्रीनगर: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे, और एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। अब इस हमले के बाद केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने एक के बाद एक सख्त कदम उठाते हुए आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का बिगुल बजा दिया है।
गृह सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक: आतंरिक सुरक्षा की समीक्षा
मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति की गहन समीक्षा की गई और बदलते खतरे के स्वरूप को समझा गया।
इस बैठक में शामिल हुए प्रमुख सुरक्षा अधिकारी:
- बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी
- एनएसजी के डीजी ब्रिघु श्रीनिवासन
- असम राइफल्स के डीजी ले. जनरल विकास लखेरा
- एसएसबी की एडीजी अनुपमा निलेकर चंद्रा
- अन्य अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में सीमा सुरक्षा को कड़ा करने, आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को बढ़ाने और खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया।
सीमा सुरक्षा बलों की भूमिका अहम
- बीएसएफ भारत की पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा की निगरानी करती है।
- एसएसबी नेपाल और भूटान के साथ लगती सीमाओं की रखवाली करती है।
- असम राइफल्स भारत-म्यांमार सीमा को सुरक्षित रखती है।
- एनएसजी, भारत की शीर्ष आतंकवाद विरोधी इकाई है, जो उच्च जोखिम वाले ऑपरेशनों और शहरी बंधक बचाव अभियानों में विशेषज्ञता रखती है।
सीसीएस बैठक के बड़े फैसले: पाकिस्तान को करारा जवाब
हमले के ठीक एक दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण और कड़े फैसले लिए गए:
- 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया, पाकिस्तान पर इसके उल्लंघन का आरोप लगाते हुए।
- अटारी बॉर्डर को बंद करने का निर्णय लिया गया।
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए, केवल राजनयिक, आधिकारिक और दीर्घकालिक वीजाधारकों को छूट दी गई।
- पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स और X (पूर्व ट्विटर) हैंडल्स को ब्लॉक किया गया।
- दूतावासों में पाकिस्तानी स्टाफ की संख्या में कटौती कर उन्हें अपने देश लौटने के लिए मजबूर किया गया।
राज्यों को निर्देश: पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश
गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं देश के सभी मुख्यमंत्रियों से संपर्क कर निर्देश दिया कि पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक देश छोड़ना होगा। इसके बाद गृह सचिव गोविंद मोहन ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वर्चुअल बैठक कर अमल की निगरानी की।
प्रधानमंत्री का सख्त संदेश: “दंडित होंगे हर आतंकवादी और उनके समर्थक”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम हर आतंकी और उसके समर्थकों की पहचान करेंगे, उनका पीछा करेंगे और उन्हें दंडित करेंगे। भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।”
एक दुर्लभ राजनीतिक एकता के प्रदर्शन में, सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में आतंकवाद के खिलाफ सरकार के रुख को पूर्ण समर्थन दिया। यह दर्शाता है कि आतंकवाद और सीमा पार चरमपंथ के खिलाफ राष्ट्र एकमत है।
पहलगाम, जिसे कश्मीर का स्वर्ग कहा जाता है, देश-विदेश के सैलानियों के लिए प्रमुख आकर्षण रहा है। लेकिन इस भीषण हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोग और व्यवसायी वर्ग अब सरकार से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
जैसे-जैसे सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों की धरपकड़ और नेटवर्क तोड़ने में लगी हैं, वहीं कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि पाकिस्तान पर इन फैसलों का कितना असर पड़ता है, लेकिन फिलहाल भारत ने दिखा दिया है कि अब वह किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं करेगा।