भारत ने ‘अनुचित, संकीर्ण सोच’ वाली टिप्पणियों के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन की खिंचाई की
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: भारत ने सोमवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की “अनुचित और संकीर्ण सोच” वाली टिप्पणियों के लिए उसकी आलोचना करते हुए कहा कि यह संगठनों के “विभाजनकारी एजेंडे” को उजागर करता है, और भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप को दर्शाता है।
ओआईसी ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो नेताओं द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी को “भारत में इस्लाम के प्रति घृणा और दुर्व्यवहार को मुसलमानों के खिलाफ अभ्यास तेज और व्यवस्थित तरीके से करने के संदर्भ में आया है। ओआईसी की प्रतिक्रियाके बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह भारत के आंतरिक मामला है और भारत इस से निपटने में सक्षम है ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा, “हमने इस्लामी सहयोग संगठन (आईओसी) के महासचिव की ओर से भारत को लेकर दिए गए बयान को देखा है। भारत सरकार आईओसी सचिवालय की अनुचित और संकीर्ण सोच वाली टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है।”
बयान के अनुसार, “भारत सरकार सभी धर्मो को सर्वोच्च सम्मान देती है। एक धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई थीं। वे किसी भी तरह से, भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। संबंधित निकायों की ओर से इन व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है।”
बयान के अनुसार, यह खेदजनक है कि ओआईसी सचिवालय ने फिर से ‘प्रेरित, भ्रामक और शरारतपूर्ण टिप्पणी’ की है। यह केवल निहित स्वार्थो के इशारे पर अपनाए जा रहे विभाजनकारी एजेंडे को उजागर करता है।
बयान में कहा गया है, “हम ओआईसी सचिवालय से उनके सांप्रदायिक ²ष्टिकोण को आगे बढ़ाने से रोकने और सभी धर्मों के प्रति उचित सम्मान दिखाने का आग्रह करते हैं।”
ओआईसी ने भारत की आलोचना की है और कहा है, “ये अपशब्द भारत में इस्लाम के प्रति घृणा और मुसलमानों के खिलाफ सुव्यवस्थित कार्य और उन पर प्रतिबंधों के संदर्भ में है। विशेष रूप से कई भारतीय राज्यों में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने और मुस्लिम संपत्ति के विध्वंस के अलावा उनके खिलाफ हिंसा में वृद्धि की घटनाएं हो रही हैं।”